सुधांशु मित्तल की शिकायत को खारिज कर FIH ने कहा, बत्रा ने कोई नियम नहीं तोड़ा
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समितिमें भारत के सदस्य बत्रा ने कहा, ‘‘ मित्तल हॉकी समुदाय के सामने मुझे बदनाम करने के लिए अपने दायरे से बाहर गये। आईओसी के साथ मेरी सदस्यता पर सवाल उठा कर वह मुझ पर अत्याधिक दबाव बनाने के साथ अपमानित करना चाहता है कि मैं भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दू।
नयी दिल्ली।अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने शुक्रवार को अपने अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के खिलाफ भारतीय ओलंपिक संघ(आईओए) उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल द्वारा दायर अनियमितता की शिकायत पर कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। एफआईएच ने कहा कि 2016 में उनके चुनाव के दौरान बत्रा ने एफआईएच के कानूनों को नहीं तोड़ा था। मित्तल ने अपनी शिकायत में बत्रा पर आरोप लगाया था कि वह नवंबर 2016 में एफआई अध्यक्ष चुने जाने के बाद भी हॉकी इंडिया के प्रमुख बने रहे जो इस वैश्विक निकाय के नियमों के खिलाफ है। एफआईएच की स्वतंत्र इंटीग्रिटी यूनिट के अध्यक्ष वेन स्नेल ने बत्रा को क्लीन चिट देते हुए कहा कि मित्तल की शिकायत से संबंधित मामले में ‘दम नहीं’है। एफआईएच ने कहा, ‘‘एफआईएच प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए इस शिकायत को स्वतंत्र एफआईएच इंटीग्रिटी यूनिट (एफआईयू) को भेज दिया गया था। एफआईयू ने आज फैसला किया कि शिकायत दम नहीं है ऐसे में वह इस मामले में एफआईएच अध्यक्ष डा. बत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल एफआईएच के तत्कालीन कानून के मुताबिक नवंबर 2016 में एफआईएच अध्यक्ष के रूप में चुनाव के बाद डा. बत्रा को हॉकी इंडिया के साथ अपने संबंधों को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं थी। इसलिए उन्होंनेएफआईएच नियमों का उल्लंघन नहीं किया।’’
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दिलचस्प बात यह है कि बत्रा ने दावा किया कि एफआईएच प्रमुख के रूप में उनके चुनाव से हितों का कोई टकराव नहीं हो ,यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने खुद ही 25 नवंबर 2016 को हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। बत्रा के चुनाव की ‘अवैधता’ पर मित्तल के आरोप ऐसे समय आये है जब आईओए के शीर्ष अधिकारियों के बीच अनबन की खबरें आ रहे है। उन्होंने इससे पहले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को पत्र लिख कर कहा था कि बत्रा ‘अवैध’ तरीके से आईओए के अध्यक्ष चुने गये थे। इससे पहले दिन में बत्रा ने एफआईएच के सीईओ थिएरी वील और कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों को लिखा कि वह आईओए के अंतरिक मुद्दे पर विश्व हॉकी समुदाय को घसीटने के लिए माफी मांगते है। बत्रा ने कहा, ‘‘मैं हॉकी समुदाय से माफी मांगता हूं कि भारतीय ओलंपिक संघ के अनावश्यक आंतरिक मुद्दे के कारण आपका बहुमूल्य समय खराब हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि इस अभूतपूर्व समय के दौरान आप और आपके परिवार सभी सुरक्षित है।’’
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बत्रा ने यह भी दोहराया कि उन्होंने आईओए और एफआईएच के अपने चुनावों के दौरानअध्यक्ष के रूप में कोई गलत काम नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने भारतीय ओलंपिक संघ या अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष के रूप में अपने चुनाव में भारतीय ओलंपिक संघ या अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ या हॉकी इंडिया के किसी भी नियम और अनुच्छेद को नहीं तोड़ा है।’’ उन्होंने मित्तल पर गलत तरीके से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समितिमें भारत के सदस्य बत्रा ने कहा, ‘‘ मित्तल हॉकी समुदाय के सामने मुझे बदनाम करने के लिए अपने दायरे से बाहर गये। आईओसी के साथ मेरी सदस्यता पर सवाल उठा कर वह मुझ पर अत्याधिक दबाव बनाने के साथ अपमानित करना चाहता है कि मैं भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दू।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यही कहूंगा कि उसका कदम गैरजिम्मेदराना है।
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