कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद ओलंपिक में दोहरे अंक में पदक मिलने का यकीन : आईओए अध्यक्ष बत्रा
कोरोना के इस दौर में क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक लगभग हर खेल में लगातार बायो बबल में रह रहे खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य का मसला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है।
नयी दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण खिलाड़ियों की तैयारियां बाधित होने, कई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट रद्द होने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के अधिक मौके नहीं मिल पाने के बावजूद भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को उम्मीद है कि तोक्यो ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या दोहरे अंक में होगी और उन्होंने यह भी कहा कि ओलंपिक जा रहे किसी खिलाड़ी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई परेशानी नहीं है।
कोरोना के इस दौर में क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक लगभग हर खेल में लगातार बायो बबल में रह रहे खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य का मसला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। बत्रा ने से बातचीत में कहा ,‘‘ कोरोना काल से पैदा हुई परिस्थितियां दुनिया भर के लिये समान है लेकिन खिलाड़ियों ने इसका डटकर सामना किया है। वे सकारात्मकता के साथ अभ्यास कर रहे हैं और अब प्रतिस्पर्धा का इंतजार है। अभी तक ऐसा कुछ नहीं सुना कि ओलंपिक खेलने जा रहे हमारे किसी खिलाड़ी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी समस्या का सामना करना पड़ा हो।’’
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उन्होंने कहा ,‘‘भारतीय खिलाड़ियों की तैयारी अच्छी है और हम शुरू से दोहरे अंकों में पदक जीतने की बात करते आये हैं और अब भी उस पर अडिग हैं।’’ बत्रा ने बताया कि समूचे भारतीय दल को इस महीने के आखिर तक या जुलाई के पहले सप्ताह तक कोरोना के दोनों टीके लग जायेंगे। उन्होंने कहा ,‘‘अभी तक 60 से 70 प्रतिशत टीम को दोनों टीके लग चुके हैं जिनमें खिलाड़ी, कोच, सभी सहयोगी स्टाफ शामिल है। बाकी 30 प्रतिशत इस महीने के आखिर तक या जुलाई के पहले हफ्ते में पूरा हो जायेगा। भारतीय दल ऐसा होगा जिसमें शत प्रतिशत टीकाकरण होगा। ’’
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने यह अनिवार्य नहीं किया था लेकिन आईओए ने भारतीय दल के लिये टीकाकरण अनिवार्य किया और खिलाड़ियों ने पूरा सहयोग किया। तोक्यो में 23 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों में अब काफी कम समय रह गया है लिहाजा स्वास्थ्य संबंधी प्रोटोकॉल भी कड़े कर दिये गए हैं। बत्रा ने कहा ,‘‘ हमने कोविड आरटी पीसीआर टेस्ट पहली जून से हफ्ते में दो बार कर दिया है जिसमें खिलाड़ी अधिकारी और उनके संपर्क में आने वाले सभी लोग शामिल हैं। मसलन भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्रों का हाउसकीपिंग , कैटरिंग, कैंटीन स्टाफ , मैदानकर्मी वगैरह भी। सभी के नियमित टेस्ट हो रहे हैं और सभी बायो बबल में रह रहे हैं।’’
भारतीय दलतोक्यो ओलंपिक आयोजकों द्वारा जारी प्लेबुक के सभी दिशा निर्देशों का पालन कर रहा हैं और जल्दी ही तीसरी प्लेबुक आने वाली है जिसमेंकोई अतिरिक्त दिशा निर्देश होने पर उनका भी पालन किया जायेगा। खेल मंत्रालय ने अधिकतम सहयोगी स्टाफ को खिलाड़ियों के साथ भेजने की कवायद में अपना प्रतिनिधिमंडल तोक्यो नहीं भेजने का फैसला किया है। भारतीय दल के साथ जाने वाले एनओसी (राष्ट्रीय ओलंपिक समिति) अधिकारियों की संख्या में कटौती की संभावना के सवाल पर उन्होंने कहा ,‘‘ एनओसी के लिये नियमों के अनुसारहर 20 खिलाड़ी पर एक अधिकारी होता है और उससे ज्यादा का सवाल ही पैदा नहीं होता। अगर सौ खिलाड़ी हैं तो पांच अधिकारी और 120 होंगे तो छह हो जायेंगे। इससे ज्यादा नहीं हो सकते।’’ अभी तक भारत के सौ खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लिया है और 23 जुलाई से आठ अगस्त तक होने वाले खेलों के लिये 25 से 35 के और क्वालीफाई करने की उम्मीद है। ‘जनभावनाओं का सम्मान ’करते हुए चीनी किट प्रायोजक लि निंग से नाता तोड़ने के बाद बत्रा ने कहा कि नये प्रायोजक की तलाश जारी है लेकिन नहीं मिलने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने हालांकि ट्वीट किया था कि भारतीय दल तोक्यो ओलंपिक में बिना ब्रांड वाली पोशाक के साथ जायेगा।
बत्रा ने कहा ,‘‘ किट प्रायोजक से नाता टूटने का किट तैयार होने पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ये किट भारत में ही बन रही थी। फर्क इतना ही है किट के लिये भुगतान प्रायोजक की जगह हम करेंगे। किट तैयार होने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है। अब कमीज के दाहिने ओर सामने की तरफ प्रायोजक का लोगो नहीं होगा। उसकी जगह आईओए का लोगो होगा।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ वैसे हम प्रायोजक तलाश रहे हैं और समय रहते मिल गया तो पोशाक ब्रांड के नाम वाली होगी वरना बिना ब्रांड वाली। उस पर आईओए का लेागो होगा जिस पर इंडिया लिखा है।
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