#CommonwealthGames2022 | बैडमिंटन में पीवी सिंधू, लक्ष्य सेन और सात्विक-चिराग ने स्वर्ण पदक जीते

Sindhu

दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन ने सोमवार को यहां फाइनल में विपरीत अंदाज में जीत दर्ज करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता का क्रमश: महिला और पुरुष एकल का स्वर्ण पदक जीता जबकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी भी पुरुष युगल में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही।

बर्मिंघम। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन ने सोमवार को यहां फाइनल में विपरीत अंदाज में जीत दर्ज करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता का क्रमश: महिला और पुरुष एकल का स्वर्ण पदक जीता जबकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी भी पुरुष युगल में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने सोमवार को अपनी तीनों स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते। दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने दुनिया की 13वें नंबर की कनाडा की मिशेल ली को 21-15, 21-13 से हराकर 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में उनके खिलाफ मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया।

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सिंधू ने 2014 में कांस्य पदक जीता था जबकि मिशेल स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं थी। दो युवा खिलाड़ियों के बीच हुए पुरुष एकल फाइनल में दुनिया के 10वें नंबर के खिलाड़ी और विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने पहला गेम गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए मलेशिया के दुनिया के 42वें नंबर के खिलाड़ी एनजी टीजे योंग को 19-21, 21-9, 21-16 से हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण करते हुए स्वर्ण पदक जीता। बाइस साल के योंग के खिलाफ 20 साल के लक्ष्य की यह लगातार तीसरी जीत है। सात्विक और चिराग की दुनिया की सातवें नंबर की जोड़ी ने पुरुष युगल फाइनल में बेन लेन और सीन वेंडी की इंग्लैंड की दुनिया की 19वें नंबर की जोड़ी को 21-15, 21-13 से हराया। इससे पहले सिंधू ने मिशेल के खिलाफ 11 मैच में नौवीं जीत दर्ज की। सिंधू का राष्ट्रमंडल खेलों में यह तीसरा व्यक्तिगत पदक है।

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उन्होंने 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में भी रजत पदक जीता था। भारत ने बर्मिंघम खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण सहित छह पदक जीत। सोमवार को तीन स्वर्ण से पहले पहले मिश्रित टीम के रजत पदक के अलावा किदांबी श्रीकांत ने पुरुष एकल जबकि त्रीशा जॉली और गायत्री गोपचंद की जोड़ी ने महिला युगल में कांस्य पदक जीते। फाइनल में पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू के बाएं पैर में पट्टी बंधी थी जिससे कुछ हद तक उनकी मूवमेंट प्रभावित हुई और इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी दिखा।उन्होंने कुछ मौकों पर मिशेल को आसान अंक बनाने का मौका दिया। सिंधू ने रैली में बेहतर प्रदर्शन किया और उनके ड्रॉप शॉट भी दमदार थे। मिशेल ने काफी सहज गलतियां की जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।

मिशेल ने पहले गेम में काफी शॉट बाहर मारे और नेट पर भी उलझाए। उनके क्रॉस कोर्ट और सीधे दोनों स्मैश हालांकि दमदार थे जिससे सिंधू को परेशानी हुई क्योंकि वह तेजी से मूव नहीं कर पा रही थी। पहले गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच प्रत्येक अंक के लिए संघर्ष देखने को मिला। सिंधू ने लगातार तीन अंक के साथ 3-1 की बढ़त बनाई लेकिन मिशेल ने 3-3 पर स्कोर बराबर कर दिया। मिशेल ने 7-7 के स्कोर पर लगातार दो शॉट बाहर मारे जिससे सिंधू ने 9-7 की बढ़त बना ली। मिशेल ने इसके बाद दो और शॉट बाहर मारे जिससे सिंधू ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बनाने में सफल रहीं। कनाडा की खिलाड़ी ने ब्रेक के बाद लगातार दो शॉट नेट पर और एक बाहर मारा जिससे सिंधू ने 14-8 की मजबूत बढ़त बना ली। सिंधू ने इस बढ़त को 16-9 किया। मिशेल ने स्कोर 15-18 किया। सिंधू ने ड्रॉप शॉट से अंक जुटाया और फिर मिशेल के नेट पर शॉट मारने पर पांच गेम प्वाइंट हासिल किए।

सिंधू ने मिशेल के शरीर पर शॉट खेलकर पहला गेम अपने नाम किया। दूसरे गेम में भी सिंधू ने बेहतर शुरुआत की। मिशेल की गलतियां कम होने का नाम नहीं ले रही थी। वह लगातार शॉट नेट पर और बाहर मार रही थीं जिसका फायदा उठाकर सिंधू ने 8-3 की बढ़त बना ली। मिशेल ने नेट पर शॉट उलझाया जिससे सिंधू ब्रेक तक 11-6 से आगे हो गईं। मिशेल इसके बाद वापसी करते हुए स्कोर 11-13 करने में सफल रहीं। कनाडा की खिलाड़ी ने लगातार दो शॉट नेट पर मारकर सिंधू को 15-11 की बढ़त बनाने का मौका दे दिया। सिंधू ने बढ़त को 19-13 किया।

मिशेल के शॉट बाहर मारने से सिंधू को सात चैंपियनशिप अंक मिले जिसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने तेजतर्रार क्रॉस कोर्ट स्मैश के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सिंधू ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैं लंबे समय से इस स्वर्ण पदक का इंतजार कर रही थी और अंतत: यह मुझे मिल गया। मैं बेहद खुश हूं। दर्शकों को धन्यवाद, उन्होंने मेरी हौसलाअफजाई की।’’ पुरुष एकल में लक्ष्य ने शानदार शुरुआत करते हुए लगातार चार अंक के साथ 5-2 की बढ़त बनाई लेकिन मलेशियाई खिलाड़ी ने वापसी करते हुए स्कोर 7-7 से बराबर कर दिया। लक्ष्य को मलेशियाई खिलाड़ी की तेजी से सामंजस्य बैठाने में परेशानी हो रही थी। योंग ने लक्ष्य को कोर्ट में खूब दौड़ाया जबकि भारतीय खिलाड़ी ने कुछ सहज गलतियां भी की।

लक्ष्य ने सर्विस फाउल किया और फिर बाहर शॉट मारकर योंग को ब्रेक तक 11-9 की बढ़त बनाने का मौका दिया। योंग ने रैली में दबदबा बनाया लेकिन लक्ष्य ने वापसी करते हुए स्कोर 15-16 कर दिया। लक्ष्य ने इसके बाद एक शॉट बाहर मारा और एक नेट पर उलझाया जिससे योंग 18-15 से आगे हो गए। लक्ष्य ने इसके बाद लगातार चार अंक जुटाकर 19-18 की बढ़त बनाई। योंग ने 19-19 के स्कोर पर क्रॉस कोर्ट स्मैश के साथ गेम प्वाइंट हासिल किया। फिर लक्ष्य ने शटल को बाहर जाता समझकर छोड़ दिया लेकिन यह कोर्ट के अंदर गिरी और मलेशिया के खिलाड़ी ने पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में भी योंग ने अपनी तेजी और लय बरकरार रखी। उन्होंने लक्ष्य की गलतियों का फायदा उठाकर 6-4 की बढ़त बनाई। लक्ष्य बार-बार वापसी करते लेकिन फिर नेट पर या बाहर शॉट मारकर योंग को बढ़त बनाने का मौका दे देते। लक्ष्य ने 6-8 के स्कोर पर लगातार चार अंक के साथ 10-8 की बढ़त बनाई और ब्रेक तक 11-9 से आगे थे। लक्ष्य ने नेट पर बेहतर खेल दिखाया और कुछ अच्छे स्मैश लगाते हुए लगातार 11 अंक के साथ दूसरा गेम 21-9 से जीतकर स्कोर 1-1 कर दिया। तीसरे और निर्णायक गेम में पहले दो अंक योंग की झोली में गए लेकिन लक्ष्य ने अगले सात में से छह अंक जीतकर 6-3 की बढ़त बना ली।

योंग दूसरे गेम में ब्रेक के बाद थके हुए नजर आए। लक्ष्य ने इसका पूरा फायदा उठाते हुए अंक जुटाए और ब्रेक तक 11-7 से आगे थे। योंग ने लगातार दो शॉट नेट पर और एक शॉट बाहर मारा जिससे लक्ष्य 15-9 से आगे हो गए। योंग ने स्कोर 12-15 किया लेकिन लक्ष्य ने फिर 18-13 की बढ़त बना ली। लक्ष्य ने योंग के बाहर शॉट मारने पर चार चैंपियनशिप प्वाइंट हासिल किए और फिर क्रॉस कोर्ट स्मैश के साथ खिताब जीत लिया। सेन ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘शुरुआत में मुकाबला तनावपूर्ण था और मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ी। योंग ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्हें भी बधाई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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