NADA के प्रतिबंध लगाने पर बोले बजरंग पूनिया, कहा- 'अगर बीजेपी में शामिल होता हूं तो यह हटा दिया जाएगा'

Bajrang Punia
प्रतिरूप फोटो
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बजरंग ने 10 मार्च को राष्ट्रीय टीम के लिए चयन ट्रायल के दौरान नमूना देने से इनकार करके नियमों का उल्लंघन किया। डोपिंग रोधी संस्था ने सबसे पहले तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान को 23 अप्रैल को इस उल्लघंन के लिए निलंबित किया था।

डोप जांच के लिए नमूना देने से इनकार करने के कारण चार साल के लिए निलंबित ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने बुधवार को कहा कि यह सरकार का प्रतिशोधात्मक कदम है और वह भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो यह प्रतिबंध हटा दिया जाएगा।

नाडा ने कहा कि बजरंग ने 10 मार्च को राष्ट्रीय टीम के लिए चयन ट्रायल के दौरान नमूना देने से इनकार करके नियमों का उल्लंघन किया। डोपिंग रोधी संस्था ने सबसे पहले तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान को 23 अप्रैल को इस उल्लघंन के लिए निलंबित किया था। जिसके बाद खेल की विश्व संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था।

बजरंग ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह चौंकाने वाला नहीं है क्योंकि ट्रायल का यह मामला पिछले एक साल से चल रहा है। मैंने पहले भी कहा है कि मैंने नाडा को नमूना देने से इनकार नहीं किया है। जब वे डोप जांच के लिए मेरे घर आए थे तो वे एक ‘एक्सपायरी किट’ (दिसंबर 2023 में) लेकर आए थे। मैंने इसे सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया है। ’’

पूनिया और उनकी साथी पहलवान ओलंपियन विनेश फोगाट इस साल के शुरु में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। बजरंग ने अपने बचाव में कहा, ‘‘आप किसी भी खिलाड़ी को ‘एक्सपायरी किट’ नहीं दे सकते। जहां तक ​​मेरा सवाल है तो मेरी टीम वहां थी इसलिए उन्होंने यह देख लिया। वे 2020, 2021, 2022 की ‘एक्सपायरी किट’ लेकर आए थे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मूत्र का नमूना दिया था लेकिन फिर मेरी टीम ने किट की जांच की और पाया कि यह ‘एक्सपायर’ (तारीख खत्म होना) हो चुकी थी। इसलिए हमने किट का वीडियो बनाया और हमने नाडा को मेल किया। लेकिन उन्होंने अपनी गलती स्वीकार नहीं की।’’

इस पहलवान ने आरोप लगाया कि सरकार भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लंबे समय से चल रहे धरने में शामिल होने के लिए उनसे बदला लेना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह भी लगता है कि महिला पहलवानों के समर्थन में हमारे विरोध प्रदर्शन के कारण वे बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि सभी एजेंसियां ​​सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। ’

पूनिया ने दावा किया, ‘‘मैं पिछले 10-12 साल से प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और मैंने सभी टूर्नामेंटों और भारत के शिविरों के दौरान नमूना दिया है। लेकिन सरकार का मकसद हमें तोड़ना और उनके सामने झुकाना है। अगर मैं भाजपा में शामिल हो जाता हूं तो मुझे लगता है कि सभी प्रतिबंध हटा लिये जाएंगे। ’’

इस निलंबन का मतलब है कि बजरंग 22 अप्रैल 2028 तक प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापस नहीं आ पाएंगे। इसके अलावा अगर वह विदेश में कोचिंग की नौकरी के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो वह ऐसा नहीं कर पाएंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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