वनडे जीतने के बाद बोले जडेजा, दुनिया को नहीं बल्कि खुद को करना चाहता था साबित
भारतीय हरफनमौला रविंद्र जडेजा ने कहा कि उन्हें दुनिया को नहीं बल्कि खुद को साबित करना है कि वह वनडे क्रिकेट खेल सकते हैं।कल की अपनी पारी के बारे में उन्होंने कहा कि यह काफी अहम पारी थी क्योंकि यह निर्णायक मैच था। विकेट बल्लेबाजी के लिये उम्दा था। हमें बस गेंद को भांपकर खेलना था।
कटक। श्रृंखला के आखिरी मैच में नाबाद 39 रन बनाने वाले भारतीय हरफनमौला रविंद्र जडेजा ने कहा कि उन्हें दुनिया को नहीं बल्कि खुद को साबित करना है कि वह वनडे क्रिकेट खेल सकते हैं।
Ravindra Jadeja ends on 39* as India win by four wickets! 👏
— ICC (@ICC) December 22, 2019
India take the series 2-1 in a dramatic finish 🏆 #INDvWI pic.twitter.com/3HYcIvbZDV
जडेजा सीमित ओवरों की टीम का नियमित हिस्सा नहीं थे लेकिन इंग्लैंड में वनडे विश्व कप से पहले योजना का हिस्सा बने। भारत के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने उन्हें ‘टुकड़ों टुकड़ों में खेलने वाला खिलाड़ी’ कहा था लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में उन्होंने 59 गेंदों में 77 रन बनाकर टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था।
इसे भी पढ़ें: रोहित शर्मा का बड़ा खुलासा, कहा- यह साल अच्छा रहा, लेकिन इस चीज का है मलाल...
जडेजा ने कहा कि मुझे खुद को साबित करना था कि मैं अभी भी सीमित ओवरों का क्रिकेट खेल सकता हूं। मुझे दुनिया में किसी को कुछ साबित नहीं करना था। कल की अपनी पारी के बारे में उन्होंने कहा कि यह काफी अहम पारी थी क्योंकि यह निर्णायक मैच था। विकेट बल्लेबाजी के लिये उम्दा था। हमें बस गेंद को भांपकर खेलना था। उन्होंने कहा कि मैने इस साल ज्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेला। लेकिन जब भी मौका मिला गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की।
इसे भी पढ़ें: चैम्पियंस के साथ खेलें: शेन वॉटसन My 11 Circle में सौरव गांगुली से जुड़ें
छह गेंद में नाबाद 17 रन बनाने वाले शार्दुल ठाकुर के बारे में उन्होंने कहा कि आखिरी गेंद तक खेलना अहम था। हमें पता था कि हम ही जीतेंगे। जडेजा ने स्वीकार किया कि टीम को फील्डिंग पर मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि पूरी श्रृंखला में कई कैच छूटे। हमारी फील्डिंग के स्तर को देखते हुए ऐसा नहीं होना चाहिये था। दूधिया रोशनी में ओस के कारण ऐसा हो जाता है। कैच छूटने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। अगली श्रृंखला में इस पहलू पर ध्यान देना होगा।
अन्य न्यूज़