Chai Par Sameeksha: Jammu-Kashmir और Haryana Elections में किस पार्टी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है
प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मतदाताओं ने जो उत्साह दिखाया था वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के दौरान भी बरकरार रहेगा।
प्रभासाक्षी समाचार नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह कोलकाता डॉक्टर बलात्कार और हत्या मामला, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध के विरोध में देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल की वजह से ओपीडी सेवाएं भी बंद हो गयी हैं जिससे मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सर्जरी टल रही है और OPD केंद्रों के बाहर मरीज तकलीफ में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का ज्यादा समय तक हड़ताल पर रहना लोगों के जीवन पर भारी पड़ सकता है इसलिए इस मुद्दे का शीघ्र समाधान निकाला जाना चाहिए।
प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मतदाताओं ने जो उत्साह दिखाया था वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के दौरान भी बरकरार रहेगा। अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की नई विधानसभा को देश जल्द से जल्द देखना चाहता है। प्रभा साक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद वहां प्रगति के नए रास्ते दिखाई दे रहे हैं। लोग लगातार तरक्की देख रहे हैं और ऐसे में इस चुनाव से उनके अपने जनप्रतिनिधि विधानसभा में पहुंचेंगे और वहां के स्थानीय मुद्दे उठाएंगे। अगर स्थानीय स्तर पर विकास चाहिए तो ऐसे में चुनाव बेहद जरूरी है। चुनाव के बाद वहां लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं भी बहाल हो जाएंगी।
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उन्होंने कहा कि जहां तक हरियाणा की बात है तो वहां 10 साल से सत्ता में मौजूद BJP के समक्ष जहां सरकार में वापस लौटने की बड़ी चुनौती है तो वहीं कई गुटों में विभाजित कांग्रेस के बारे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ कर राज्य में अपनी सरकार बना पाती है? उन्होंने हरियाणा को लेकर कहा कि यहां भाजपा के लिए जबर्दस्त चुनौती है। हालांकि अगर हम कहे कि कहानी कांग्रेस के लिए भी एकतरफा है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। तमाम विकट परिस्थितियों के बावजूद भी हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने पांच सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। हरियाणा में भाजपा लगातार एक्सपेरिमेंट कर रही है। ऐसे में देखना होगा कि वहां इसका एक्सपेरिमेंट कितना काम है।
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