Chai Par Sameeksha: PM Modi कैसे बदलने वाले हैं चुनावों की दशा-दिशा? विपक्ष घबराया हुआ क्यों?

narendra modi
ANI
अंकित सिंह । Sep 4 2023 3:34PM

प्रभासाक्षी संपादक नीरज दुबे ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर बहस के बीच निर्वाचन आयोग ने पूर्व में यह सुझाव दिया था कि अगर भारत यह मॉडल अपनाता है तो केंद्र या राज्य में सरकार गिरने से हुई रिक्ति को पांच साल के बाकी कार्यकाल के लिए वैकल्पिक सरकार द्वारा भरा जाएगा।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठक, एक राष्ट्र, एक चुनाव और संसद के विशेष सत्र को लेकर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवहार्यता का पता लगाने वाली समिति की जिम्मेदारी संभालने से पांच साल पहले देश के तत्कालीन राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविन्द ने एक साथ चुनाव कराने पर सभी दलों के बीच बहस और आम सहमति की जोरदार वकालत की थी। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से न केवल मानव संसाधन पर भारी बोझ पड़ता है, बल्कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है। इसलिए एक साथ चुनाव कराने के विषय पर सतत बहस की जरूरत है और सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने की आवश्यकता है।

प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर बहस के बीच निर्वाचन आयोग (ECI) ने पूर्व में यह सुझाव दिया था कि अगर भारत यह मॉडल अपनाता है तो केंद्र या राज्य में सरकार गिरने से हुई रिक्ति को पांच साल के बाकी कार्यकाल के लिए वैकल्पिक सरकार द्वारा भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग ने पूर्व में कहा था कि ऐसा या तो विपक्ष द्वारा विश्वास मत के माध्यम से अपना बहुमत साबित करने से हो सकता है, या बाकी अवधि के वास्ते सरकार चुनने के लिए मध्यावधि चुनाव के माध्यम से हो सकता है। संविधान में संशोधन का सुझाव देते हुए आयोग ने कहा था कि लोकसभा का कार्यकाल आम तौर पर एक विशेष तारीख को शुरू और समाप्त होगा (न कि उस तारीख को जब संसद अपनी पहली बैठक की तारीख से पांच साल का कार्यकाल पूरा करती है)।

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प्रभासाक्षी संपादक ने संसद के विशेष सत्र के मुद्दे पर कहा कि संभव है कि सरकार इस दौरान महिला आरक्षण बिल और समान नागरिक संहिता (UCC) संबंधी विधेयक को पारित कराने का प्रयास करे क्योंकि यह दोनों ही विषय चुनावों की दशा-दिशा बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि एक देश एक चुनाव के विचार पर चर्चा करने के लिए अभी समिति गठित की गयी है इसलिए इतनी जल्दी इस संबंध में विधेयक आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि समय पूर्व चुनाव कराये जाने की भी संभावना नहीं है क्योंकि देश के कई अहम प्रोजेक्ट्स पूरे होने वाले हैं और दिसंबर-जनवरी में प्रधानमंत्री को उन सभी का उद्घाटन करना है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठक संयोजक का चुनाव किये बिना ही समाप्त हो गयी हालांकि BJP का एकजुटता के साथ मुकाबला करने का निर्णय लिया गया है और गठबंधन की सर्वोच्च ईकाई के रूप में 14 सदस्यीय एक महत्वपूर्ण समिति गठित की गयी है जिसमें कई दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल दलों के नेता जिस तरह खुद को PM Candidate के रूप में पेश करवा रहे हैं उससे इस गठबंधन का लंबे समय तक टिका रहना मुश्किल है।

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