Chai Par Sameeksha: Sanatan Dharma और Media का विरोध कर I.N.D.I.A. ने नीति और नीयत स्पष्ट कर दी है
नीरज दुबे ने कहा कि जहां भी आस्था की बात आ जाए, वहां पर अभिव्यक्ति की आजादी को उतनी स्वतंत्रता नहीं होती। उन्होंने कहा कि अगर यह अभिव्यक्ति की आजादी है तो जो नूपुर शर्मा ने कहा तो वह भी अभिव्यक्ति की आजादी थी।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह सनातन धर्म के विरोध में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेताओं के बयानों और 14 टीवी एंकर्स के कार्यक्रमों के बहिष्कार के मुद्दे पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के तमाम नेता सनातन धर्म पर हमला जारी रखे हुए हैं। चुनाव करीब आते देख जिस तरह कुछ दल नफरती बयान देकर समाज में जहर घोलने का प्रयास कर रहे हैं वह कभी भी बड़े नुकसान का कारण बन सकता है। सरकार को ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अदालतें भी यदि ऐसे मामलों का स्वतः संज्ञान लेकर सख्त कदम उठायें तो समाज में एक कड़ा संदेश जायेगा।
नीरज दुबे ने कहा कि जहां भी आस्था की बात आ जाए, वहां पर अभिव्यक्ति की आजादी को उतनी स्वतंत्रता नहीं होती। उन्होंने कहा कि अगर यह अभिव्यक्ति की आजादी है तो जो नूपुर शर्मा ने कहा तो वह भी अभिव्यक्ति की आजादी थी। फिर नूपुर शर्मा का इतना विरोध क्यों हुआ? प्रभासाक्षी के संपादक में यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि सनातन धर्म पर निशाना साधने के लिए आक्रांता को बुला लिया गया है। यह आक्रांता को कब बुलाया गया है इस पर अगर नजर डालें तो जितने भी विपक्षित दलों के नेताओं की ओर से सनातन धर्म को लेकर जो आक्रमक बयान दिए जा रहे हैं, उसमें तेजी मुंबई में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद से और भी देखी जा रही है। नीरज दुबे ने इस बात को भी स्वीकार किया कि हां यह बात पर ठीक है कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और राजद के नेता तथा बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर लगातार रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं। लेकिन अब तक इनके बड़े नेताओं की ओर से उन पर कोई लगा नहीं लगाई गई है।
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नीरज दुबे ने कहा कि ऐसा लगता है कि इंडिया गठबंधन के नेता सनातन धर्म के खिलाफ बोलकर अपना वोट बैंक बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें किसी ने गलत राय दे दी है। सनातन धर्म और सनातन परंपराओं के खिलाफ बोलकर आप इस देश में बहुत ज्यादा राजनीतिक सफलता हासिल नहीं कर पाएंगे, खास करके तब जब बीजेपी से आपका मुकाबला हो। सभी को पता है कि बीजेपी इन मुद्दों को लेकर कितनी आक्रामक रही है। बीजेपी को एक समय अछूत तक घोषित कर दिया गया था लेकिन वह अपने एजेंडे से हिली नहीं। यही कारण है कि आज भी वह धर्म और हिंदुत्व तथा राष्ट्रवाद को लेकर आक्रामक है। वह किसी भी कीमत पर विपक्षी नेताओं की ओर से सनातन को लेकर दिए जा रहे विवादित बयानों पर चुप नहीं रहेगी। अगर विपक्ष भाजपा की पिच पर बैटिंग करने की कोशिश कर रहा है तो उसे नुकसान ही होगा फायदा की उम्मीद तो उसे नहीं करनी चाहिए। नीरज दुबे ने यह भी कह दिया कि अगर कांग्रेस को लगता है कि उसे कर्नाटक में सफलता मिली तो वह सफलता उसके मुफ्त वाली चुनावी गारंटी की वजह से मिली है ना की बीजेपी के एजेंडे का विरोध करने की वजह से।
प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। प्रजातंत्र की नींव मजबूत रहे इसके लिए चारों स्तंभों का मजबूत रहना जरूरी है। लेकिन जिस तरह मीडिया पर हमला हो रहा है वह दर्शा रहा है कि देश में आपातकाल लगा कर लोकतंत्र को बंदी बनाकर रखने वालों का हौसला फिर बढ़ रहा है। Congress के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन ने जिस तरह से कुछ टीवी समाचार चैनलों के एंकरों के कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का फैसला किया है वह मीडिया पर बड़े हमले के समान है। आज कुछ एंकरों का बहिष्कार हो रहा है, कल को चैनलों का बहिष्कार भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
- अंकित सिंह
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