सशक्त 6जी तकनीक के लिए विशिष्ट एंटेना डिजाइन

6G technology
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पूर्ण-द्वैध एंटेना में रेडियो सिग्नल भेजने और प्राप्त करने के लिए एक ट्रांसमीटर और एक रिसीवर होता है। पारंपरिक रेडियो ट्रांसीवर अर्द्ध-द्वैध होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे भेजने अथवा प्राप्त करने के लिए विभिन्न आवृत्तियों के संकेतों का उपयोग करते हैं।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के शोधकर्ता ऐसा एंटेना डिजाइन कर रहे हैं, जो 6G तकनीक को सशक्त बना सकता है, और कुशल V2X (व्हीकल टू एवरीथिंग) संचार में सहायक है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर देबदीप सरकार के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि पूर्ण-द्वैध (full-duplex) संचार एंटेना में स्व-हस्तक्षेप (self-interference) को कैसे कम किया जा सकता है। ऐसा करके, संचार नेटवर्क में संकेतों की आवाजाही तेज की जा सकती है, और बैंडविड्थ बेहतर हो सकती है।

इस तरह के पूर्ण-द्वैध एंटेना उन अनुप्रयोगों के लिए सहायक होते हैं, जिनके लिए ड्राइवर रहित कारों की तरह लगभग तात्कालिक कमांड रिले की आवश्यकता होती है।

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पूर्ण-द्वैध एंटेना में रेडियो सिग्नल भेजने और प्राप्त करने के लिए एक ट्रांसमीटर और एक रिसीवर होता है। पारंपरिक रेडियो ट्रांसीवर अर्द्ध-द्वैध होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे भेजने अथवा प्राप्त करने के लिए विभिन्न आवृत्तियों के संकेतों का उपयोग करते हैं। एक अन्य स्थिति में, प्रेषित सिग्नल और प्राप्त सिग्नल के बीच एक समय अंतराल होता है। यह समय अंतराल आवश्यक है, ताकि कोई हस्तक्षेप न हो - आगे और पीछे जाने वाले संकेतों को परस्पर विच्छेद नहीं करना चाहिए। यह कुछ ऐसा ही है, जैसे दो लोग बात करते हैं, तो दूसरे को सुनने के लिए उन्हें रुकना नहीं पड़ता। लेकिन, इससे सिग्नल ट्रांसफर की दक्षता और गति प्रभावित होती है।

डेटा को बहुत तेज और अधिक कुशलता से प्रसारित करने के लिए, पूर्ण-द्वैध प्रणालियों की आवश्यकता होती है, जहाँ ट्रांसमीटर और रिसीवर दोनों समान आवृत्ति के संकेतों को एक साथ संचालित कर सकते हैं। ऐसी प्रणालियों के लिए, स्व-हस्तक्षेप को समाप्त करना महत्वपूर्ण है। देबदीप सरकार और उनके पोस्ट डॉक्टोरल शोधार्थी जोगेश चंद्र दास पिछले कुछ सालों से इस पर काम कर रहे हैं।

देबदीप सरकार कहते हैं, "अनुसंधान का व्यापक उद्देश्य यह है कि हम स्व-हस्तक्षेप (self-interference) सिग्नल को खत्म करना चाहते हैं।" इसको खत्म करने के दो तरीके हैं - निष्क्रिय और सक्रिय। सर्किट को एक निश्चित तरीके से डिजाइन करके (उदाहरण के लिए, एंटेना के बीच की दूरी बढ़ाकर) बिना किसी अतिरिक्त उपकरण के हस्तक्षेप को निष्क्रिय रूप से खत्म कर सकते हैं। जबकि, सक्रिय तरीका; सिग्नल प्रोसेसिंग इकाई जैसे घटकों पर निर्भर करता है। लेकिन, इन चरणों के लिए आवश्यक घटक एंटेना को भारी और महँगा बना सकते हैं। जबकि, कॉम्पैक्ट, लागत प्रभावी एंटेना समय की माँग है, जिसे आसानी से किसी भी उपकरण के साथ एकीकृत किया जा सके।

नया विकसित एंटीना निष्क्रिय स्व-हस्तक्षेप पर निर्भर करता है, जिससे इसे पूर्ण-द्वैध प्रणाली के रूप में संचालित किया जा सकता है। इसमें दो पोर्ट होते हैं, जिनमें से कोई भी ट्रांसमीटर या रिसीवर के रूप में कार्य कर सकता है। दो पोर्ट एक दूसरे से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक टूल द्वारा अलग होते हैं, जिन्हें मेटालिक वायस कहा जाता है। मेटालिक वायस, एंटेना की धातु की सतह में ड्रिल किए गए छेद होते हैं, जो विद्युत क्षेत्र को बाधित करते हैं। इस तरह, शोधकर्ता अधिकांश स्व-हस्तक्षेप को निष्क्रिय रूप से रद्द करने में सफल रहे। इस प्रकार, एक लागत प्रभावी और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन विकसित किया गया।

दास कहते हैं, "हम हस्तक्षेप खत्म करने के लिए पारंपरिक तकनीकों के स्थान पर एक सीधी संरचना को एकीकृत कर रहे हैं, जिसे कार में स्थापित किया जा सकता है।" 

निकट भविष्य में, शोधकर्ताओं की योजना निष्क्रिय हस्तक्षेप को खत्म करने और एंटीना के समग्र आकार को कम करने के लिए अपनी डिवाइस को अनुकूलित करने की है। फिर, इसे आसानी से किसी वाहन पर लगाया जा सकता है, जो तेज गति से डेटा संचारित और प्राप्त कर सकता है। 

(इंडिया साइंस वायर)

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