रोबोटिक्स में एम.टेक. पाठ्यक्रम शुरू कर रही है आईआईटी दिल्ली

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कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी दिल्ली के संकाय सदस्य और सीओई-बर्ड के समन्वयक प्रोफेसर सुबोध कुमार कहते हैं - "रोबोटिक तकनीकों में प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है। जबकि, रोबोटिक्स केंद्रित स्वचालन उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर और भारत में जबरदस्त गति से बढ़ रहा है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने एक नया अंतर्विषयक अकादमिक कार्यक्रम रोबोटिक्स में एम.टेक. शुरू किया है। दो साल का यह कार्यक्रम कंप्यूटर साइंस ऐंड इंजीनियरिंग विभाग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग और यार्डी स्कूल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन बायोलॉजिकली इंस्पायर्ड रोबोट्स ऐंड ड्रोन्स (CoE-BIRD) के सहयोग से संयुक्त रूप से पेश किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में 25 सीटें हैं और प्रवेश GATE, प्रोग्रामिंग टेस्ट और साक्षात्कार के माध्यम से मिल सकेगा। कार्यक्रम का पहला बैच शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में शुरू होगा, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। इस कार्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 मार्च, 2023 है। इस संबंध में अधिक जानकारी आईआईटी दिल्ली की वेबसाइट पर प्राप्त की जा सकती है।  

रोबोटिक्स का अध्ययन दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है। हालाँकि, रोबोटिक्स किसी एक पारंपरिक इंजीनियरिंग शाखा से बँधा हुआ नहीं है। आईआईटी दिल्ली रोबोटिक्स के मास्टर छात्रों को बहु-विषयक पाठ्यक्रम प्रदान करेगी, जो उन्हें रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म और ऐप्लिकेशन विकसित करने से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए नवीन और बुद्धिमान उत्पाद और सिस्टम बनाने के लिए तैयार करेगा। यह कार्यक्रम प्रयोगात्मक शिक्षा और मजबूत सैद्धांतिक नींव पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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रोबोटिक तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य देखभाल एवं पुनर्वास, परिवहन, खतरनाक परिस्थितियों के दौरान प्रतिक्रिया, ऊर्जा उपलब्ध कराने, पर्यावरण संरक्षण और तीव्र औद्योगीकरण समेत विविध क्षेत्रों में हो सकता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए नये एम.टेक. कार्यक्रम में सहयोगात्मक रोबोटिक्स, औद्योगिकी रोबोटिक्स, पुनर्वास एवं मेडिकल रोबोटिक्स, और ऑटोनोमस एवं इंटेलिजेंट व्हीकल जैसी विशिष्टताओं को शामिल किया जा रहा है।  

बुद्धिमान रोबोट और सिस्टम विकसित करने के लिए विविध प्रकार के कौशल की आवश्यकता होती है। यह कार्यक्रम जटिल और अत्यधिक संवादात्मक प्रणालियों, संवेदन और स्वायत्त संचालन, भौतिक अनुकरण एवं नियंत्रण के बारे में मूलभूत प्रश्नों को उठाता है और उनका उत्तर देने का प्रयास करता है।

कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी दिल्ली के संकाय सदस्य और सीओई-बर्ड के समन्वयक प्रोफेसर सुबोध कुमार कहते हैं - "रोबोटिक तकनीकों में प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है। जबकि, रोबोटिक्स केंद्रित स्वचालन उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर और भारत में जबरदस्त गति से बढ़ रहा है। नया लॉन्च किया गया एम.टेक. कार्यक्रम रोबोटिक्स में इस अंतर को पाटने का काम करेगा।" 

प्रौद्योगिकी और उत्पादों का विकास समय की माँग है, जो आबादी को रोबोट्स के साथ काम करने में सक्षम बना सके। इस उद्देश्य के साथ, आई-हब फाउंडेशन फॉर कोबोटिक्स (आईएचएफसी) की स्थापना विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से की गई थी। आईएचएफसी कोबोटिक्स पर एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जहाँ 50 से अधिक संस्थानों के संकाय सदस्य सहभागी हैं। यहाँ से भी रोबोटिक्स में एम. टेक कार्यक्रम शुरू करने को प्रोत्साहन मिला है। 

(इंडिया साइंस वायर)

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