नये सियासी मोर्चे की सुगबुगाहट, अखिलेश यादव का साथ छोड़ सकते हैं शिवपाल-आजम-जयंत
उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सियासी हालात बदल रहे हैं उससे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दबाव बढ़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में से एक वरिष्ठ नेता आजम खां बीते दो वर्ष से सीतापुर जिला जेल में बंद हैं।
उत्तर प्रदेश में क्या एक नया सियासी मोर्चा आकार ले रहा है? जिस तेजी के साथ समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से दिग्गज नेताओं का मोह भंग हो रहा है, वह यही संकेत दे रहा है कि तमाम दलों के नाराज नेता एकजुट होकर अपनी अलग ताकत बना सकते हैं। इस मोर्चे में शिवपाल यादव, आजम खान, स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह जैसे नेता दिख सकते हैं तो राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जैसे छोटे-छोटे दलों की भी इसमें हिस्सेदारी हो सकती है। इसकी सुगबुगाहट भी सुनाई देने लगी है। आजकल आजम खान, शिवपाल यादव और रालोद के जयंत चौधरी के बीच काफी नजदीकी देखने को मिल रही है। जयंत चौधरी की रामपुर में आजम खान की पार्टी से मुलाकात और फिर शिवपाल सिंह यादव का अपने समर्थकों के साथ सीतापुर जिला जेल में आजम खां से भेंट करना नये बनते समीकरणों की ओर इशारा करता है। जेल में शिवपाल सिंह यादव और आजम खां की मुलाकात को लेकर कयास का दौर जारी है। यदि नया मोर्चा तैयार होता है तो इसका सबसे अधिक नुकसान समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ सकता है। आजम खां जहां मुस्लिमों का बड़ा चेहरा हैं तो शिवपाल यादव की अपनी अलग पकड़ है। पश्चिम में जयंत चौधरी और पूरब में ओम प्रकाश राजभर जैसे नेता सियासी ताकत बटोरेंगे।
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उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सियासी हालात बदल रहे हैं उससे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दबाव बढ़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में से एक वरिष्ठ नेता आजम खां बीते दो वर्ष से सीतापुर जिला जेल में बंद हैं। उनके समर्थक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर अनदेखी का आरोप लगाकर लगातार मुखर हैं। इसी बीच राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी तथा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के कदम से अखिलेश यादव पर दबाव बढ़ गया है। शिवपाल यादव ने आजम से मुलाकात के बाद कहा कि आजम खान की समाजवादी पार्टी मुखिया मदद नहीं कर रहे हैं। आजम के खिलाफ बस एक मुकदमें में जमानत बाकी है जो नहीं हो पा रही है। शिवपाल यादव ने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर आजम का पक्ष रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल चुके इटावा के जसवंत नगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव अपने चार दर्जन से अधिक समर्थकों के साथ सीतापुर जेल पहुंचे थे। शिवपाल सिंह यादव ने आजम खां के स्वास्थ्य को लेकर एक दिन पहले भी गहरी चिंता जताई थी और कहा था कि वह सीतापुर जेल में जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। उनका आरोप था कि भाजपा सरकार में आजम का काफी उत्पीड़न हो रहा है और उन पर लगातार कई झूठे केस लादे जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि शिवपाल सिंह यादव के साथ ही आजम खां भी इन दिनों अखिलेश यादव से नाराज हैं। शिवपाल सिंह यादव तो कई बार सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं, जबकि आजम खां ने समर्थकों के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने जेल में आजम खां के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के साथ ही उनसे काफी देर बात की। इनके बीच यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई जब आजम खां के खेमे से लगातार अखिलेश यादव के खिलाफ नाराजगी के सुर उठ रहे हैं।
दरअसल, शिवपाल सिंह यादव और आजम खां के समर्थकों ने अखिलेश यादव के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। अखिलेश यादव दो वर्ष में सिर्फ एक बार ही आजम खां से मिलने जेल गए हैं। जिसके कारण आजम खां समर्थक समाजवादी पार्टी से नाराज हैं। इसी बीच औवैसी ने आजम खां को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्यौता भी दिया है। कभी शिवपाल सिंह यादव का समाजवादी पार्टी में वर्चस्व कायम था और आजम खां ही सपा के मुस्लिम चेहरा हुआ करते थे। पार्टी में उनकी हैसियत नंबर दो की थी। शिवपाल और आजम खां दोनों ही सपा के कद्दावर नेता माने जाते थे। शिवपाल सिंह यादव ने सपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई। वह 2022 में समाजवादी पार्टी के विधायक होने के बाद भी बागी रुख अपनाए हुए हैं।
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इससे पहले बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रामपुर जाकर आजम खां के परिवार के लोगों से मुलाकात की थी। जयंत ने आजम खां के परिवार से अपना परिवारिक रिश्ता बताया था। इस भेंट के बारे में अखिलेश यादव से पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि हमने जयंत चौधरी को रामपुर नहीं भेजा है। कहीं पर भी आने-जाने और किसी से भी मिलने के लिए वह स्वतंत्र हैं। उनकी पार्टी से हमारी पार्टी का गठबंधन है। बता दें कि फरवरी 2020 से सीतापुर जिला जेल में बंद आजम खां की जेल में बंदी रहने के दौरान कई बार तबीयत खराब हुई थी। कोरोना संक्रमित होने के बाद उनको लखनऊ के मेदांता अस्तपाल में भी भर्ती कराया गया था, लेकिन अखिलेश का उनके प्रति दर्द दिखाई नहीं दिया। उधर, सपा के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि आजम के साथ योगी सरकार नाइंसाफी कर रही है। समाजवादी पार्टी विधान सभा सत्र के दौरान आजम की रिहाई के लिए मुहिम छेड़ेगी।
-अजय कुमार
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