Modi ने भारत को सुपर पावर बनाने का जो संकल्प लिया है उसे वह सिद्ध करके रहेंगे
भारत दुनिया का एक ऐसा अहम देश है जोकि अपनी जाति, धर्म, बोली, पानी, मौसम, विभिन्न प्रकार की भौगोलिक व जैव विविधताओं को एक सूत्र में पिरोकर दुनिया में विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है और जल्द ही विकसित देश बनकर सुपर पावर बनने की कतार में शामिल है।
इक्कीसवीं सदी के इस दौर में हर देशभक्त भारतवासी की आंखों में एक सपना बसा हुआ है कि कैसे जल्द से जल्द विकसित देश बनकर भारत का दुनिया में परचम लहराए, वह दुनिया की एक ऐसी सुपर पावर बने जिसके सम्मान में हर देश नतमस्तक हो। हालांकि देशवासियों के इस सपने को साकार करने के लिए भारत की पूर्व की सरकारें व मौजूदा सरकार निरंतर प्रयास कर रही हैं। लेकिन जब वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री पद को नरेन्द्र मोदी ने संभालने का कार्य किया था तो उस वक्त देशवासियों को उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद थी, लोगों को लगता था कि अब 'सुपर पावर इंडिया' के मिशन को नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बहुत तेज गति मिलेगी। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं की लंबी फेरहिस्त व उपलब्धियों को देखें तो उनकी हर यात्रा पर 'सुपर पावर इंडिया' के मिशन की स्पष्ट छाप नज़र आती है। वहीं अधिकांश लोगों के मतानुसार उनके 'सुपर पावर इंडिया' के सपने की उम्मीद को धरातल पर साकार करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एकदम सोलह-आने खरे साबित हुए हैं, आज उन्होंने विदेशी धरती पर भारत की धाक जमाने का कार्य किया है। भयावह कोविड काल आने के बावजूद भी पूरी दुनिया में पिछले नौ वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की धरातल पर कारगर ठोस रणनीति के चलते भारत का डंका आज पूरी दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में बज रहा है। आज विदेशी जमीं पर भी भारतवासी गर्व से अपने आपको हिन्दुस्तानी बता रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज में आज भारत की छवि का दुनिया में यह आलम है कि कोई भी देश भारत की आज किसी भी क्षेत्र में अनदेखी करने का दुस्साहस नहीं कर सकता है। भारत ने कृषि क्षेत्र, उद्योग, व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा, तकनीकी, रिसर्च, रक्षा, आईटी, अंतरिक्ष आदि के क्षेत्र में कार्य करते हुए जल-थल व नभ से जुड़े क्षेत्रों में अपनी एक विशिष्ट पहचान पूरी दुनिया में बनाने का कार्य किया है, जो 'सुपर पावर इंडिया' मिशन के दृष्टिकोण से एक बहुत अच्छा संकेत है।
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दुनिया में भारत की यह स्थिति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज की एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी कैबिनेट के सहयोगी व दुनिया के किसी भी देश में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग समय-समय पर वैश्विक मंचों पर भारत व भारतवासियों के हक की आवाज़ को बुलंद होकर उठाते हैं। वह दुनिया के विभिन्न मंचों पर तथ्यात्मक बात करते हुए शेर की तरह दहाड़ते हैं और पूरी दुनिया उनको ध्यान से सुनने का कार्य करती है। इस सकारात्मक स्थिति को देखकर हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। देश को सुपर पावर बनाने के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा गये थे, जहां पर उनका भव्य आदर सत्कार हुआ था, मोदी का यह राजकीय दौरे बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कई बेहद अहम समझौते हुए हैं। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने व्हाइट हाउस में बैठकर विभिन्न मसलों पर द्विपक्षीय बातचीत कर, आठ बेहद अहम समझौतों पर अपनी रजामंदी की मुहर लगाने का कार्य किया था, जिसमें रक्षा, रेलवे व अंतरिक्ष जैसे बेहद अहम क्षेत्र शामिल हैं। वहीं इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है कि वह राजकीय यात्रा के दौरान दो अवसरों पर अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले पहले भारतीय राजनेता बन गये हैं। वहीं उनके संबोधन के दौरान अमेरिका के सांसदों का बार-बार ताली बजाना उनकी लोकप्रियता व भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाने का कार्य बखूबी करता है।
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया की एक ऐसी लोकप्रिय शख्सियत बन चुके हैं जिनका आटोग्राफ खुद राष्ट्राध्यक्ष लेने का कार्य कर रहे हैं, जो हम भारतीयों के लिए एक बेहद अच्छा सकारात्मक संदेश है। वैसे भी बिना किसी पूर्वाग्रह के निष्पक्ष रूप से देखा जाये तो मोदी राज में भारत को प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेष तरजीह निरंतर मिलती रही है, शायद ही दुनिया के देशों का ऐसा कोई ही महत्वपूर्ण मंच रहा जहां पर भारत अपनी पूरी धमक के साथ व सम्मानजनक ढंग से उपस्थित ना रहा हो। यह उसी धाक का ही कमाल है कि आज मोदी सरकार की विदेश नीति की चर्चा हम देशवासियों के साथ पूरी दुनिया भी कर रही है, पक्ष-विपक्ष के देश भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति का जबरदस्त लोहा मान रहे हैं, सभी को लगने लगा है कि मोदी के 'सुपर पावर इंडिया' का मिशन अब पूर्ण नियंत्रण के साथ उचित रफ्तार में है, तभी देशवासियों के साथ-साथ अब तो विदेशी धरती से भी यह गूंज सुनाई देती है कि- 'मोदी है तो मुमकिन है'। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेशी दौरों के दौरान समय-समय पर अपनी कुशल कारगर रणनीति व दमदार कार्यशैली के दम पर बार-बार यह साबित करने का कार्य किया है कि 'झुकती है दुनिया, बस झुकाने वाला चाहिए', जो कि 'सुपर पावर इंडिया' मिशन के लिए एक बहुत ही अच्छा संकेत है।
-दीपक कुमार त्यागी
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार व राजनीतिक विश्लेषक हैं)
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