सामाजिक उत्थान के लिए जरूरी है मोदी सरकार की यह योजनाएं, किसानों और श्रमिकों के जीवन स्तर में हुआ सुधार
प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना- छोटे दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों और खुद का कारोबार करने वालों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में रांची में किया। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना रखा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला कार्यकाल लोगों को खूब पसंद आया। यही कारण रहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 2014 के मुकाबले ज्यादा सीटें लेकर सत्ता में एक बार फिर से लौटी। एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भाजपा की केंद्र में सरकार बनी। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता को देखते हुए हम यह जरूर कह सकते हैं कि उन्होंने जनता को अपने शासनकाल में सर्वोच्च प्राथमिकता दी। तभी तो जब वोट डालने की बारी आई तो जनता ने उन्हें दिल खोलकर वोट किया। दोबारा सत्ता में लौटने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने लोगों के कल्याण और जीवन स्तर में सुधार के लिए कई ऐसी योजनाएं लेकर आएं जो आम लोगों के लिए काफी फायदेमंद रही। अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा सरकार के दूसरे शासनकाल का 1 वर्ष पूरा होने जा रहा है, ऐसे में हम आपको यह बताएंगे कि पिछले 1 सालों में इस सरकार ने जनता के हित को ध्यान में रखते हुए कौन-कौन से नए योजनाओं की शुरुआत की है।
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प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना- प्रधानमंत्री पेंशन योजना के तहत किसानों, आम लोगों और गरीब को 3000 रुपये की मासिक पेंशन देने की मंजूरी दी गई है, जिसे मोदी सरकार का किसानों को दिया गया बड़ा तोहफा करार दिया जा रहा है। क्योंकि इस योजना के तहत किसान की मृत्यु होने के बाद उसकी पत्नी को पेंशन का आधा पैसा मिलेगा। प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना की एक खास बात यह भी है कि इस योजना में किसान अपना जितना अंश देगा, उतना ही अंश सरकार भी देगी। बता दें कि भाजपा के आम चुनाव 2019 के संकल्प पत्र में भी ये वादा था, जिसे सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने पूरा कर दिया।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना- यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार देश भर के किसानों को हर साल ₹6000 की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। उन्हें यह पैसा हर 4 महीने पर ₹2000 की किस्त में भेजी जाती है। इस योजना के लिए पैसा पूरी तरीके से केंद्र सरकार प्रदान करती हैं। इस योजना के तहत किसानों को मिलने वाला पैसा सीधे उनके खाते में जाता है। शुरू में यह योजना देश के कुछ चुनिंदा किसानों के लिए थी लेकिन चुनाव के बाद पहले कैबिनेट की बैठक में ही इसे देश के सभी किसानों के लिए कर दिया गया।
प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना- छोटे दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों और खुद का कारोबार करने वालों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में रांची में किया। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना रखा गया। सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाते हुए केंद्र की सरकार ने इस योजना की शुरुआत की। इस योजना का लाभ 60 साल के उम्र के बाद ही मिलेगा। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि यह बुढ़ापे में आर्थिक मजबूती प्रदान करेगा। इस योजना के तहत दुकानदारों, खुदरा विक्रेताओं और खुद का कारोबार करने वालों को हर महीने कम से कम ₹3000 महीने की पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना से जुड़ने के लिए कारोबारियों की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।
पिछले साल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) बनाने की मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बात पर फैसला लिया गया था। इस कोष से 4.58 लाख घरों की 1,600 आवासीय परियोजनाओं को फायदा होगा। 25,000 करोड़ रुपये के कोष के लिए सरकार, भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी धन उपलब्ध कराएंगी। इस 25,000 करोड़ रुपये के कोष से अटकी परियोजनाओं के लिए चरणबद्ध तरीके से धन उपलब्ध कराया जाएगा। चरण पूरा होने के बाद राशि जारी की जाएगी।
जल शक्ति मंत्रालय और हर घर जल योजना- दोबारा सत्ता में आने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल उनकी प्राथमिकता हर घर में पेयजल उपलब्ध कराना है। जिस प्रकार सौभाग्य योजना के तहत हर घर को बिजली पहुंचाया गया। ठीक उसी प्रकार से हर घर को जल पहुंचाने की योजना है। जल शक्ति मंत्रालय का गठन कर प्रधानमंत्री ने जल की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए जल संचयन पर जोर, गंगा सफाई अभियान में तेजी तथा लोगों तक पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध हो इस पर ध्यान दिया।
दिल्ली की अवैध कॉलोनियों- दिवाली से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्लीवासियों को बड़ा तोहफा दिया। केंद्र की सरकार ने दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों के घरों को मालिकाना हक देने की घोषणा की थी। दिल्ली में कुल 1797 अवैध कॉलोनी है। सरकार के इस फैसले से इन कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को फायदा हुआ। इसकी जानकारी भी स्वयं शहरी एवं आवाज मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हरदीप पुरी ने संसद में दिया। दिल्ली के 40 लाख लोगों के लिए ही योजना बेहद ही महत्वपूर्ण रही और अपने खुद के घर का सपना भी पूरा हुआ।
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एक देश, एक राशन कार्ड का मतलब एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल देश के किसी भी हिस्से में किया जा सकता है। इस योजना को लागू करने का मूल उद्देश्य यह है कि देश का कोई भी गरीब व्यक्ति सब्सिडी आधारित खाद्य पदार्थों से वंचित ना रहे। यह योजना देश के 77% राशन की दुकानों पर लागू की जा सकती हैं। योजना वहीं लागू होगी जहां पहले से PoS मशीन उपलब्ध है। इस योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत पीडीएस की 83 फीसदी आबादी वाले 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को अगस्त 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी द्वारा कवर किया जाएगा। हालांकि मार्च 2021 तक शत-प्रतिशत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी प्राप्त की जाएगी।
पिछले 1 साल में मोदी सरकार ने ऐसे 2 कामों को भी प्रमुखता से किया जिससे समाज को एक नई दिशा मिल सकती है। पहला काम तो बाल यौन शोषण को लेकर कड़ा कानून बनाया गया और दूसरा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा कानून लाया गया।
बाल यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र की सरकार ने पास्को कानून को और कड़ा करने के लिए संशोधनों को मंजूरी दे दी। बाल यौन अपराध संरक्षण नियम 2020 को केंद्र की सरकार ने मार्च महीने में अधिसूचित भी कर दिया। इसके बाद से इस कानून में किए गए संशोधनों को लागू किया जा सकेगा। नए नियमों में स्कूलों तथा देखभाल केंद्रों में कर्मचारी का अनिवार्य रूप से पुलिस सत्यापन कराना, यौन शोषण वाली सामग्री को रिपोर्ट करने की प्रक्रिया, उचित आयु पर बाल अधिकार शिक्षा देने के प्रावधान शामिल है। राज्य सरकारों को भी बच्चों के खिलाफ हिंसा को बिल्कुल ना बर्दाश्त करने के सिद्धांत पर आधारित बाल संरक्षण नीति बनाने के लिए कहा गया।
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मोटर वाहन कानून- 1 सितंबर 2019 को मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 लागू हो गया। यह संशोधन अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम 1988 में संशोधन के बाद लाया गया। यह संशोधन अधिनियम सड़क सुरक्षा को बढ़ाने, लाइसेंस और परमिट जारी करने की प्रक्रिया में सुधार करने, आरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार को हटाने तथा सड़क यातायात को विनियमित करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के उद्देश्य के साथ लाया गया। इस अधिनियम के तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है।
- अंकित सिंह
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