कांग्रेस नेतृत्व बार-बार कर रहा राम मंदिर का अपमान

Congress leadership
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राहुल गांधी वाली कांग्रेस ने अब यह मान लिया है कि उसको अब हिंदू समाज का वोट तो मिलने वाला नहीं है इसलिए अब वह हर काम करो जिससे मुस्लिम मतदाता प्रसन्न हो फिर चाहे वो काम देश विरुद्ध ही क्यों न हो।

लोकसभा चुनावों में लगातार तीसरी बार विफल होने के बाद, जून 2024 से राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी दोनों ही अवसाद ग्रस्त हैं और यही कारण है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में उनके समस्त सहयोगी हिंदू, हिंदुत्व और सनातन संस्कृति के साथ ही भारत और भारत के विकास को भी निरंतर अपमानित कर रहे हैं। इधर हुई कई घटनाएं व प्रसंग स्पष्ट करते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने अब पूरी तरह से मुस्लिम फर्स्ट की नीति अपना ली है। 

एक्सीडेंटल हिंदू गांधी परिवार ने सर्वप्रथम तो पांच सौ वर्षों के अथक संघर्ष से अयोध्या में बने श्री रामजन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अपनी सुविचारित मुस्लिम मतदाता तुष्टिकरण नीति के अंतर्गत बहिष्कार किया। अब सदन से सड़क तक राहुल गांधी उस भव्य समारोह का उपहास करते घूम रहे हैं, उसे गाने नाचने की नौटंकी बता रहे हैं। विगत दिनों कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में अवैध मस्जिदों व मजारों तथा वहां आ रहे अवैध नागरिकों की पहचान कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाकर अपनी सभ्यता, संस्कृति, पहचान व अस्तित्व को बचाने के लिए हिमाचल की जनता आक्रोशित होकर सड़को पर उतर आई। इस प्रकरण में कांग्रेस ने जो रवैया अपनाया वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। 

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झारखंड में डेमोग्राफी बदलने से लेकर से लेकर मुम्बई की अवैध मस्जिद ढहाने तक कांग्रेस ने मुस्लिम फर्स्ट की नीति का ही परिचय दिया है। पांच सौ वर्षों से अधिक समय तक चले अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि संघर्ष का सुफल सनातन समाज को 22 जनवरी 2024 को प्राप्त हुआ था, कांग्रेस आज भी उसके विरुद्ध खड़ी है। हिमाचल प्रदेश में सनातनी अपने अस्तित्व को लेकर सड़कों पर हैं किंतु मुस्लिम फर्स्ट की नीति के कारण कांग्रेस को कहीं कुछ समझ में नही आ रहा है। भोजन और अन्य खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए जब यूपी की योगी सरकार ने दुकानों पर नेमप्लेट लगवाने का आदेश जारी किया तो कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ विरोध में उतर आई और निर्णय को मुस्लिम विरोधी बताने लगी। जब स्थानीय नागरिकों के दबाव में हिमाचल सरकार ने भी उसी प्रकार का निर्णय लिया तो कांग्रेस आलाकमान की मुस्लिम फर्स्ट की नीतियों के कारण उनकी अपनी ही सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ गया और सफाई देनी पड़ी। आज देश के किसी भी कोने से हिंदू हित की आवाज उठते ही उसे दबाने व उसका मजाक बनाने के लिए कांग्रेस और उसका का ईकोसिस्टम जीवंत हो उठता है।

अमेरिका में भारत विरोधी बयानबाजी करके वापस लौटे राहुल गांधी ने अयोध्या पर एक बार फिर आपत्तिजनक बयान देकर अपने शर्मनाक विचारों को ही परोसा है। राहुल गांधी वाली कांग्रेस ने अब यह मान लिया है कि उसको अब हिंदू समाज का वोट तो मिलने वाला नहीं है इसलिए अब वह हर काम करो जिससे मुस्लिम मतदाता प्रसन्न हो फिर चाहे वो काम देश विरुद्ध ही क्यों न हो। 

राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि, ''जब अयोध्या में राम मंदिर खोला तो वहां पर नाच-गाना चल रहा था, प्रेसवाले हाय-हाय कर रहे थे, पूरा हिन्दुस्तान डांस कर रहा है।'' राहुल गांधी या कांग्रेस के नेता क्या किसी और धर्म के पैगम्बर व धार्मिक उत्सव पर इस प्रकार बयानबाजी करने का साहस दिखा सकते हैं। वास्तव में राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से हिन्दुओं के प्रति नफरत से भरे हुए हैं और उनकी मोहब्बत की दुकान केवल मुस्लिम समाज के लिए ही खुली है।

राहुल गांधी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर बार बार घिसा हुआ रिकॉर्ड बजा रहे हैं कि वहां पर उस समय कोई पिछड़ा नहीं था गरीब नहीं था श्रमिक नहीं था आदिवासी नहीं था अम्बानी अडानी थे, ऐश्वर्या नाच रही थी, राष्ट्रपति को आदिवासी होने के कारन बुलाया नहीं गया आदि-आदि। जबकि वास्तविकता यह है कि आज अब तक 11 करोड़ से अधिक श्रद्धालु राम भक्त अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन कर चुके हैं जिसमें हर जाति वर्ग समाज के लोग आ रहे हैं।  

राहुल गांधी को यह पता ही नहीं है कि केवल राम मंदिर ही नहीं वरन् काशी विश्वनाथ कारिडोर सहित जहां कहीं भी नव निर्माण कार्य संपन्न हो रहा है उसका उद्घाटन बिना श्रमिकों की उपस्थिति के नहीं किया जाता। श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह व काकाशी विश्वनाथ कारिडोर दोनों के उद्घाटनसमारोह से पूर्व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रमिकों का सम्मान किया है। अयोध्या में श्रमिकों पर पुष्पवर्षा भी की गयी थी। 

राम मंदिर पर राहुल गांधी की ताजा टिप्पणी से समस्त हिंदू समाज अपमानित व आंदोलित है। राहुल गांधी को यह बात साबित करनी ही होगी कि वहां पर कहां और किस प्रकार का नाच गाना हो रहा था। यदि भाजपा फैजाबाद सीट (अयोध्या जिसकी एक विधानसभा है) हार गई तो इसका मतलब यह कैसे हो गया कि हिंदू समाज राम मंदिर का आंदोलन हार गया। हिदू समाज राम मंदिर के लिए तब भी संघर्ष कर रहा था जब अयोध्या स्थित राम मंदिर की मुगल हमलावरों ने एक-एक ईंट निकालकर उसका अस्तित्व समाप्त करने का प्रयास किया था। राहुल गांधी को पता होना चाहिए कि भगवान राम, श्री कृष्ण व शिव हिन्दुओं के आराध्य हैं और वह लगातार इनका अपमान कर रहे हैं। 

दतात्रेय गोत्र के नकली जनेऊधारी ब्राह्मण राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस व इंडी गठबंधन का रामद्रोही कुनबा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय कोपभवन में था, उसका रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था आंखे सूज रही थीं उनके दिल और दिमाग में चारों ओर घोर निराशा व अंधकार छा गया था यही कारण रहा होगा कि राम मंदिर का उद्घाटन होने पर हिंदू समाज जो उल्लास, उमंग व उत्साह के जोश से परिपूर्ण था तथा होली, दीपावली, रथयात्रा सारे पर्व एक साथ मना रहा था वह आनंददायक वातावरण गलती से नेता प्रतिपक्ष बन बैठे राहुल गांधी को नाच गाना लगा होगा। 

राहुल गांधी के बयानों से यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि गांधी परिवार व उनका दल हिंदू विभाजन तथा उन्मूलन अभियान में लगा हुआ है। साथ ही यह बात भी तय है कि कांग्रेस अब मुसलमानों को रिझाने के लिए किसी भी सीमा पर जाकर कुछ भी करने को तैयार है फिर भले ही वह कार्य भारत विरोधी ही क्यों न हो। 

- मृत्युंजय दीक्षित 

इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।

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