मध्य प्रदेश में केंद्रीय टीम के दौरे को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सिंह पर कसा तंज
देश में जिन शहरों की हालात कोरोना संक्रमण की वजह से खराब है, उसमें इंदौर भी शामिल है। बताया जा रहा है कि दिल्ली से इंदौर पहुंची केन्द्रीय टीम कोरोना से जुड़ी स्थिति का मौके पर ही आकलन करके राज्यों के अधिकारियों को निर्देश देने के साथ ही केंद्र की सरकार को भी रिपोर्ट सौंपेगी।
मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ने से राज्य ही नहीं केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार भी चिंतित है। यही कारण है कि सोमवार को केन्द्र सरकार की अंतर मंत्रालय टीम अचानक इंदौर पहुंच गई। केन्द्र सरकार की यह टीम इंदौर के हालातों का जायजा लेगी और कोरोना संक्रमण से निपटने के उपायों पर काम करेगी। देश में चार राज्यों के 11 जिलों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से लगातार बढ़ रही है। जिसके बाद केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने इन राज्यों के लिए छह अंतर मंत्रालयी टीमों का गठन किया है। इसमें अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी शामिल है जो वरिष्ठता के आधार पर ठोस निर्णय ले सकें।
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गृहमंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र के मुम्बई और पुणे, बंगाल के कोलकता, हावड़ा, मेदनीपुर पूर्व, 24 परगना उत्तर, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग व जलपाईगुड़ी, मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के जयपुर में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति बहुत ही खराब होती जा रही है। जहां पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय टीम का वहां की सरकार विरोध कर रही है तो वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर में टीम का स्वागत किया गया है। यह केन्द्रीय टीम इस दौरान इंदौर शहर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारियों सहित यह जानने की कोशिश करेगी कि आखिर इंदौर में इतनी तेजी से कोरोना संक्रमण कैसे फैला और कहां चूक हो रही है। सूत्रों की माने तो एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान इन स्थानों पर नियमों का पालन सख्ती से न होता है। जिसमें मुख्य रूप से शारीरिक दूरी और लोगों की आवाजाही न रूकना सबसे बड़ा कारण है।
हालंकि मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना संक्रमण की भयावाह स्थिति के कारणों की जाँच करने पहुंची केन्द्रीय टीम का पश्चिम बंगाल की तरह विरोध तो नहीं हुआ लेकिन यहां के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज जरूर कसा है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और मीडिया प्रभारी पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने केन्द्रीय टीम इंदौर भेजने पर ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि मोदी जी आपको धन्यवाद। आपने फाइनली समझा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अक्षम हैं और केंद्र से टीम भेजी। शिवराज जी, हमारे सुझावों को निंदा मत समझिए। हमारी विचारधार बेशक अलग है, लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं।
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देश के जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्रालय की पैनी नज़र है। बताया जा रहा है कि इंदौर में टेस्ट की रफ्तार धीमी पड़ी है तो यहां पिछले तीन दिनों से कोरोना संक्रमितों के केस कम सामने आ रहे हैं। सोमवार को 18 नए केस इंदौर में आए थे, इसके साथ ही मरीजों की संख्या वहां 915 पहुंच गई है जबकि मंगलवार को 08 जिसके के बाद यह आंकड़ा 923 तक पहुँचा है। देश में जिन शहरों की हालात कोरोना संक्रमण की वजह से खराब है, उसमें इंदौर भी शामिल है। बताया जा रहा है कि दिल्ली से इंदौर पहुंची केन्द्रीय टीम कोरोना से जुड़ी स्थिति का मौके पर ही आकलन करके राज्यों के अधिकारियों को निर्देश देने के साथ ही केंद्र की सरकार को भी रिपोर्ट सौंपेगी। केंद्रीय टीम में अतिरिक्त सचिव भारत सरकार, अभिलक्ष्य लिखी, संचालक स्वास्थ्य, डॉ. जुगल किशोर और डॉ अनिल शामिल हैं। इसके साथ ही भारत सरकार के खाद्य संचालक सिमरजीत कौर भी हैं। छह सदस्यीय केन्द्रीय टीम इंदौर पहुंचते ही सबसे पहले कॉल सेंटर, टेलीमेडिसिन सेंटर, लॉकडाउन की जमीनी हकीकत और कलेक्टर की व्यवस्था को रात तक जांचा है।
मध्य प्रदेश के इंदौर को मिनी मुम्बई के नाम से जाना जाता है। यहां अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने सबसे अधिक है जिसके चलते विदेशी लोगों और खासकर मध्य प्रदेश के विदेशों में रहने वाले लोगों की आवाजाही बनी रहती है। चूंकि कोरोना संक्रमण विदेशों से भारत पहुंचा है तो अगर इसे वजह माना जाए तो इंदौर शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने का यह सबसे बड़ा कारण है। हालंकि मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इंदौर, भोपाल और जबलपुर में लॉकडाउन कर दिया गया था। यही नहीं स्थिति चिंताजनक होती देख यहाँ प्रशासन में भी फेरबदल करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर कलेक्टर और आईजी को बदल दिया था। इंदौर में पहले नगर निगम कमिश्नर रहे मनीष सिंह को इंदौर कलेक्टर बनाकर भेजा गया था। दिल्ली से पहुंची केन्द्रीय टीम को लेकर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि केंद्रीय टीम के अधिकारी यहां से अफसरों से चर्चा कर रहे हैं, साथ ही कार्यों की समीक्षा भी कर रहे हैं। कोरोना एक विश्वव्यापी महामारी है, इस महामारी से निपटने के लिए समन्वयित प्रयासों की जरूरत है। साथ ही लॉकडाउन का पालन सख्ती के साथ करवाने का निर्देश दिया है।
इंदौर को रेड जोन में रखा गया है। यहां लॉकडाउन के बावजूद भी लोग अपने घरों से निकलने से बाज नहीं आ रहे है जिसको लेकर जिला प्रशासन और पुलिस सख्त रवैया अपनाए हुए है। पूरे इंदौर में 170 कंटेन्मेट एरिया बनाए गए है जिनको पूरी तरह बैरीगेट किया गया है। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कोई नियमों का उलंघन न करे। लॉकडाउन के दौरान घरों से निकलने वालों पर पुलिस सख्ती से पेश आ रही है किसी को उठक बैठक लगवाई जा रही है तो वाहनों से बाहर निकलने वालों की टायर की हवा निकाल कर उन्हें वापस भेज रही है। यही नहीं जो लोगो अनावश्यक रूप से लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ एफआईआर भी पुलिस दर्ज कर रही है।
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लेकिन इसके बावजूद भी इंदौर जिले में कोरोना संक्रमण रेड जोन में है यह मुम्बई के बाद दूसरा शहर है जहां सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज है वहीं घनत्व के हिसाब से यहां कोरोना संक्रमण की वजह से मौतें भी अधिक हुई हैं। वहीं इंदौर के हालात देखते हुए केन्द्रीय टीम भेजे जाने पर कांग्रेस के हाथों एक मुद्दा जरूर लग गया है। जिसको लेकर वह प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाना बनाते हुए तंज कसती नजर आ रही है तो वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित कर रही है।
- दिनेश शुक्ल
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