Ratnagiri Assembly Election: क्या रत्नागिरी सीट से फिर जीत का चौका लगाएंगे उदय या उद्धव सेना बदलेगी समीकरण
महाराष्ट्र की रत्नागिरी सीट बेहद अहम मानी जा रही है। वैसे तो महाराष्ट्र की अधिकतर सीटों की तरह रत्नागिरी सीट पर भी महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच सीधा मुकाबला है। लेकिन यहां के हालातों को देखते हुए इस सीट पर महायुति का पलड़ा भारी लग रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान होने के बाद से सभी सियासी दल अपनी-अपनी रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। वहीं सभी दलों और गठबंधन के उम्मीदवारों का भी ऐलान हो चुका है। राज्य में चुनाव प्रचार चरम पर है। राज्य की रत्नागिरी सीट बेहद अहम मानी जा रही है। वैसे तो महाराष्ट्र की अधिकतर सीटों की तरह रत्नागिरी सीट पर भी महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच सीधा मुकाबला है। लेकिन यहां के हालातों को देखते हुए इस सीट पर महायुति का पलड़ा भारी लग रहा है।
बता दें कि महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर 2024 को मतदान होना है। वहीं 23 नवंबर को नतीजों का ऐलान होगा। महाराष्ट्र में असली मुकाबला महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच है। जहां पर एक तरफ भाजपा, एनसीपी और शिवसेना है। फिलहाल यही गठबंधन सत्ता में हैं। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) हैं।
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रत्नागिरी का चुनावी इतिहास
साल 2019 में रत्नागिरी विधानसभा सीट शिवसेना के खाते में गई थी। शिवसेना के उदय रवींद्र सामंत ने कांग्रेस पार्टी के सुदेश सदानंद मयेकर को 87,335 वोटों से हराया था। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार नारायण राणे ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विनायक भाऊराव राउत को 47,858 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी।
क्या फिर जीत का चौका लगा पाएंगे उदय
रत्नागिरी विधानसभा सीट से पिछले 3 बार से उदय रवींद्र सामंत विधायक बनते आ रहे हैं। वहीं साल 2019 और 2014 में उदय ने शिवसेना और 2009 में NCP के टिकट पर जीत हासिल की थी। उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है और माना जा रहा है इस बार वह फिर जीत का चौका लगाना चाहेंगे। उदय रवींद्र सामंत से पहले यहां पर बालासाहेब पांडुरंग पाटिल का यहां दबदबा था। वहीं भाजपा या कांग्रेस इस सीट पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई थी। वहीं भाजपा का उम्मीदवार यहां से नहीं जीता है। वहीं कांग्रेस को साल 1980 और 1990 में जीत मिली थी।
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