केजरीवाल की राजघाट यात्रा 'हाई वोल्टेज ड्रामा', कांग्रेस ने कहा- भाजपा के खिलाफ पुलिस में क्यों नहीं गई AAP
कांग्रेस की दिल्ली इकाई की नेता अलका लांबा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि केजरीवाल और आप के विधायकों की राजघाट की यात्रा हाई वोल्टेज ड्रामे से अधिक कुछ भी नहीं है। अगर सही में भाजपा ने उनसे संपर्क किया है और पाला बदलवाने के प्रयास किए हैं तो...
नयी दिल्ली। कांग्रेस की दिल्ली इकाई की नेता अलका लांबा ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजघाट की यात्रा ‘‘हाई वोल्टेज ड्रामे से अधिक कुछ भी नहीं है’’। साथ ही लांबा ने प्रश्न किया कि अगर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप)के पास भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से पाला बदलने संबंधी प्रयासों से जुड़े सुबूत हैं तो वह पुलिस अथवा प्रवर्तन निदेशालय के पास क्यों नहीं गई? कांग्रेस नेता लांबा ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी के दावों में जरा भी सच्चाई है कि भाजपा ने उसके विधायकों को पाला बदलने के लिए धन की पेशकश की है तो केजरीवाल नीत पार्टी को सुबूतों को सार्वजनिक करना चाहिए, कांग्रेस आप को समर्थन देने के लिए तैयार है।
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इससे पहले दिन में आप ने आरोप लगाया कि उसके दिल्ली के 40 विधायकों को भाजपा ने पाला बदलने के लिए 20-20 करोड़ रुपये की पेशकश की है, जबकि सभी 62 विधायक पार्टी के साथ हैं। अपने आवास पर ‘आप’ विधायकों की बैठक के बाद केजरीवाल विधायकों के साथ भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ की विफलता की प्रार्थना करने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट गए।
लांबा ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘केजरीवाल और आप के विधायकों की राजघाट की यात्रा हाई वोल्टेज ड्रामे से अधिक कुछ भी नहीं है। अगर सही में भाजपा ने उनसे संपर्क किया है और पाला बदलवाने के प्रयास किए हैं तो उन्हें राजघाट जाने के बजाए क्या दिल्ली पुलिस मुख्यालय या ईडी के दफ्तर नहीं जाना चाहिए था?’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप के नेता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया है कि उनके पास सारे सुबूत हैं, तो फिर वे किस लिए इंतजार कर रहे हैं। उन्हें नाटक करना चाहिए या कि सुबूत सामने लाकर उनका (भाजपा) पर्दाफाश करना चाहिए? अगर उनके दावों में जरा भी सच्चाई है तो उन्हें उसे (सुबूत) सार्वजनिक करना चाहिए। कांग्रेस उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार है बल्कि उनके साथ पुलिस या ईडी के पास जाने के लिए तैयार है।’’
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भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस बात की जांच करनी चाहिए कि ‘आप’ के विधायकों को तोड़ने के लिए भाजपा के पास 800 करोड़ रुपये कहां से आए? गौरतलब है कि ‘आप’ के चार विधायकों ने बुधवार को दावा किया था कि भाजपा नेताओं ने उनसे संपर्क कर पाला बदलने की पेशकश की है और उन्हें बताया गया था कि भाजपा केजरीवाल नीत पार्टी के 20-25 विधायकों से संपर्क बनाए हुए है। इस बीच भाजपा ने ‘आप’ को उन लोगों के नाम उजागर करने की चुनौती दी है, जिन्होंने पार्टी बदलने की पेशकश के साथ उसके विधायकों से कथित रूप से संपर्क किया है। उसने आरोप लगाया कि केजरीवाल नीत पार्टी दिल्ली सरकार के शराब ‘घोटाले’ से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
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