Sirsa Assembly Elections: सिरसा में गोपाल कांडा-गोकुल सेतिया के बीच कौन मारेगा बाजी, जानिए क्या कहते हैं समीकरण

Gopal Kanda
ANI

हरियाणा के सिरसा सीट से लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा, जेजेपी से पवन शेरपुरा, कांग्रेस से गोकुल सेतिया और आप पार्टी के श्याम सुंदर मेहता चुनावी मैदान में हैं। गोपाल कांडा और गोकुल सेतिया के बीच मुख्य मुकाबला है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोरों पर है। हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट पर चुनाव प्रसार तेजी से चल रहा है। सिरसा विधानसभा सीट से 13 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि चुनाव मैदान में मुख्य रूप से हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा, जेजेपी से पवन शेरपुरा, कांग्रेस से गोकुल सेतिया और आप पार्टी के श्याम सुंदर मेहता चुनावी मैदान में हैं। सिरसा में मुख्य मुकाबला हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया के बीच है। वहीं आप पार्टी और जेजेपी के प्रत्याशी भी इस मुकाबले को रोचक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। गोपाल कांडा और गोकुल सेतिया का घर आमने-सामने है, वहीं चुनावी मैदान में भी दोनों आमने-सामने हैं।

सेतिया ने दी थी कांडा को कड़ी चुनौती

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा ने जीत हासिल की थी। गोकुल सेतिया निर्दलीय उम्मीदवार के तौर गोपाल कांडा के सामने चुनौती पेश की थी। साल 2019 में गोकुल सेतिया भाजपा में थे। लेकिन जब पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया तो उन्होंने निर्दलीय लड़ गए। वहीं हाल ही में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गोकुल सेतिया को कांग्रेस में शामिल कराया और उनको टिकट भी मिल गया।

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बता दें कि गोकुल सेतिया भी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गोकुल सेतिया पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता लक्षमन दान अरोड़ा के पोते हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले सेतिया का परिवार कांग्रेस से अलग हो गया था। गोकुल की मां सुनीता सेतिया ने भारतीय जनता पार्टी ने सिरसा से चुनाव लड़ा था। लेकिन इस दौरान सुनीता सेतिया चुनाव हार गई थीं।

क्यों है कड़ा मुकाबला

हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रत्याशी गोपाल कांडा का इनेलो ने ऑफिशियल तौर पर समर्थन दिया है। वहीं भाजपा के उम्मीदवार सिरसा से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। गोपाल सेतिया मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। बताया जाता है कि सेतिया भले ही पिछला चुनाव हार गए थे। लेकिन हारने के बाद भी वह क्षेत्र में सक्रिय रहे और लोगों से मिलते-जुलते रहे। इस बार सेतिया और कांडा के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है।

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