जो बाहरी लोगों के आगे झुक गए वे नंदीग्राम में सांप्रदायिक कार्ड खेल रहें : ममता
ममता ने शुभेंदु का एक बार भी नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने (ममता ने) सिंगूर या नंदीग्राम में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ने का अपना मन बना लिया था। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने लोगों की जबरदस्त मांग को लेकर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया।
अधिकारी अक्सर की खुद को भूमिपुत्र बताते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर पलटवार करते रहे हैं। दरअसल, ममता भाजपा पर बाहरी होने का आरोप लगाती रही हैं। तृणमूल कांग्रेस से पाला बदलने वाले नेता ने ऐलान किया है कि यदि वह टीएमसी प्रमुख को 50,000 वोटों के अंतर से नहीं हरा सकें, तो वह राजनीति से सन्यास ले लेंगे। ममता ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों से मिल रहे प्रेम एवं स्नेह केचलते ही वह नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भूलते पारी सोबर नाम, भुलबो नको नंदीग्राम(मैं हर किसी का नाम भूल सकती हूं लेकिन नंदीग्राम को नहीं भूल सकती)...मैंने जब जनवरी में यहां आई थी तब यहां से कोई विधायक नहीं था क्योंकि मौजूदा विधायक ने इस्तीफा दे दिया था। मैंने आम आदमी के चेहरे को देखा और यहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया।’’ ममता ने कहा कि उनका अपना निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर पड़ता है, जहां से वह आसानी से जीत सकती हैं लेकिन उन्होंने लोगों के प्रेम एवं उत्साह को देख सकने के लिए नंदीग्राम से चुनाव लड़ना चुना। ममता ने अधिकारी पर साम्पद्रायिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘जो बाहरी लोगों के आगे झुक गये, वे साम्प्रदायिक हथकंडों के जरिए नंदीग्राम भूमि अधिग्रहण आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं। ’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ लोग 70:30 अनुपात (हिंदू-मुस्लिम आबादी) की बात कर रहे हैं। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे दोनों समुदायों के लोगों को आपस में लड़ा कर नंदीग्राम के पवित्र आंदोलन के बदनाम कर रहे हैं। नंदीग्राम के लोग मतदान के दिन एक अप्रैल को भाजपा को ‘अप्रैल फूल’ बनाएंगे।’’Mamata recites Chandipath at Nandigram, says People will make BJP 'April fool' on polling day
— ANI Digital (@ani_digital) March 9, 2021
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ममता ने कहा कि यदि पहले सिंगूर में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन नहीं होता तो नंदीग्राम आंदोलन जोर नहीं पकड़ता। ममता ने कहा, ‘‘सिंगूर आंदोलन नंदीग्राम आंदोलन से कुछ महीने पहले हुआ था। मैंने दिसंबर 2006 में सिंगूर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अपनी 26 दिनों की भूख हड़ताल पूरी की थी। इसके बाद 2007 में नंदीग्राम आंदोलन हुआ था। सिंगूर आंदोलन ने नंदीग्राम आंदोलन को जरूरी ऊर्जा प्रदान की थी।’’ ममता ने उनके हिंदू विरोधी होने के भाजपा के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक ब्राह्मण हैं और हिंदू रस्मों के बारे में भगवा पार्टी के फर्जी हिंदू नेताओं से कहीं ज्यादा जानती हैं। ममता ने कहा, ‘‘यदि किसी को मेरे धर्म के बारे में शक है तो मैं उन्हें बहस करने और हिंदू श्लोकों का पाठ करने में प्रतिस्पर्धा करने की चुनौती देती हूं। खेला होबे (खेल जारी है)।’’ उन्होंने ऐलान किया कि उनकी पार्टी 11 मार्च को चुनाव घोषणापत्र जारी करेगी। उन्होंने कहा कि वह बृहस्पतिवार को नंदीग्राम में शिवरात्रि पूजन करेंगी।
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