क्या है दिल्ली शराब नीति मामला जिसको लेकर ED ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था?

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ANI
अंकित सिंह । Nov 2 2023 12:20PM

दिल्ली सरकार नवंबर 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में शराब विक्रेताओं के लिए एक नई नीति लेकर आई। केजरीवाल सरकार ने नई नीति के तहत सरकारी दुकानों को शराब बेचने से रोक दिया और निजी पार्टियों को स्टोर चलाने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति दी।

शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से प्रवर्तन निदेशालय आज पूछताछ करने वाली थी। हालांकि, वह ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। उनके पूर्व डिप्टी मनीष सिसौदिया इसी मामले में जेल में हैं। उच्चतम न्यायालय ने सिसौदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आम आदमी पार्टी (आप) के एक अन्य नेता और सांसद संजय सिंह को भी पिछले महीने इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। 

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क्या है मामला

दिल्ली सरकार नवंबर 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में शराब विक्रेताओं के लिए एक नई नीति लेकर आई। केजरीवाल सरकार ने नई नीति के तहत सरकारी दुकानों को शराब बेचने से रोक दिया और निजी पार्टियों को स्टोर चलाने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति दी। केजरीवाल सरकार ने कहा कि इस नीति से कालाबाजारी रोकने, दिल्ली सरकार का राजस्व बढ़ाने और ग्राहकों को फायदा होगा। नई नीति में शराब की दुकानों को आधी रात के बाद भी खुले रहने की अनुमति दी गई और विक्रेताओं को बिना किसी सीमा के कोई भी छूट देने की अनुमति दी गई। कई निजी शराब दुकानों की बिक्री में वृद्धि देखी गई और दिल्ली सरकार ने संग्रह में 27 प्रतिशत की वृद्धि का दावा किया। दिल्ली में विपक्षी भाजपा ने नई नीति की कड़ी आलोचना की और केजरीवाल सरकार पर "शराब संस्कृति" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। भाजपा ने कहा कि कई शराब की दुकानें रिहायशी इलाकों में खुल गई हैं। कांग्रेस भी इसको लेकर मुखर रही।

परेशानी की शुरूआत 

दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने जुलाई 2022 में एक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि उन्हें नई शराब नीति में कई नियमों का उल्लंघन मिला है। कुमार ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार की शराब नीति ने विक्रेताओं को "अनुचित लाभ" दिया। मुख्य सचिव ने कोविड महामारी के दौरान शराब लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ रुपये की छूट की ओर इशारा किया। इस रिपोर्ट के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से इस मामले को देखने को कहा। इससे आप के नेतृत्व वाली सरकार पर भाजपा का हमला तेज हो गया। सत्ता पक्ष ने आरोपों को खारिज कर दिया। इसके तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति वापस ले ली। इसके कारण 400 से अधिक नए खुले स्टोरों के शटर गिर गए। नई नीति लागू होने तक शराब की बिक्री फिर से सरकारी नियंत्रण में थी।

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शुरू हुई जांच

अगस्त 2022 में सीबीआई ने सिसोदिया के घर पर छापा मारा। मनी ट्रेल की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच में शामिल हुआ। ईडी का मामला सिसौदिया और 14 अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) पर आधारित था। जांच एजेंसियों ने "साउथ ग्रुप" की संलिप्तता का आरोप लगाया। इस कथित समूह में भारतीय राष्ट्र समिति की नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव की बेटी के कविता शामिल थीं; वाईएसआरसीपी सांसद एम श्रीनिवासुलु रेड्डी और अरबिंदो फार्मा के सरथ रेड्डी। ईडी ने आरोप लगाया कि "साउथ ग्रुप" और आप के बीच एक व्यवस्था थी जिसके तहत साउथ ग्रुप ने आप को गोवा चुनाव अभियान के लिए धन दिया। ईडी ने आरोप लगाया कि "साउथ ग्रुप" को दिल्ली में अपने नियंत्रण वाले शराब कारोबार के माध्यम से यह पैसा वसूलना था। आप पर नई नीति के तहत लाइसेंस देते समय इन शराब नेटवर्कों का पक्ष लेने का आरोप लगाया गया था।

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