Adani ने केरल में क्या कर दिया ऐसा? वाहवाही लूटने के लिए आपस में भिड़ गई CPM और कांग्रेस, इन सब में चीन का क्या है कनेक्शन
कांग्रेस ने इस परियोजना का श्रेय पार्टी के दिवंगत दिग्गज नेता ओमन चांडी को दिया। कांग्रेस ने कहा कि यह सब चांडी द्वारा मुख्यमंत्री रहते हुए की गई पहल के कारण ही संभव हो सका।
अडानी समूह द्वारा निर्मित भारत के पहला गहरे पानी के कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन 15 अक्टूबर को हुआ। टर्मिनल ने पिछवे सप्ताह अपने पहले शिप को ऑफिशियली रिसीव किया है। झेन हुआ नाम के इस शिप को केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने रिसीव किया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम के पास विझिंजम में ₹7,700 करोड़ के अंतरराष्ट्रीय गहरे पानी के बंदरगाह पर पहले जहाज का स्वागत किया। विजयन ने कहा कि बंदरगाह राज्य में जो विकास लाएगा वह कल्पना से परे है और पहले जहाज का आगमन दिखाता है कि केरल के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
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कांग्रेस ने ओमान चांडी को दिया श्रेय
कांग्रेस ने इस परियोजना का श्रेय पार्टी के दिवंगत दिग्गज नेता ओमन चांडी को दिया। कांग्रेस ने कहा कि यह सब चांडी द्वारा मुख्यमंत्री रहते हुए की गई पहल के कारण ही संभव हो सका। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि यह चांडी द्वारा की गई पहल का धन्यवाद। जिससे रुकी हुई परियोजना आगे बढ़ी। चांडी ने सुनिश्चित किया कि सभी अध्ययन किए जाएं और इस दौरान केंद्र से सभी मंजूरी प्राप्त की जाएं। एक आधिकारिक बयान में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के सुधाकरन ने चांडी का स्मरण नहीं करने के लिए विजयन की आलोचना की, जैसा कि राज्य के बंदरगाह मंत्री अहमद देवरकोविल ने किया था।
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बीजेपी ने मोदी सरकार के सुशासन का परिणाम बताया
राज्य में विपक्ष के नेता (एलओपी) वीडी सतीसन ने कहा कि चांडी ने बहादुरी से विझिंजम बंदरगाह को वास्तविकता बनाने का निर्णय लिया, तब भी जब उन पर चोरी और अडानी समूह को 6,000 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति बेचने का आरोप लगाया गया था। दूसरी ओर, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इस परियोजना का श्रेय नरेंद्र मोदी सरकार को दिया। उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार के सुशासन का परिणाम था। उन्होंने कहा कि 2015 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही बंदरगाह परियोजना में नई जान फूंकी गई। अडानी समूह के साथ सार्वजनिक-निजी साझेदारी के रूप में निर्मित 7,700 करोड़ रुपये के गहरे पानी के अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह पर डॉक करने वाला यह पहला जहाज है।
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