सामने आई WFI चुनाव में देरी की वजह, Brijbhushan Sharan Singh है इसके पीछे कारण
भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नामित एक तदर्थ समिति ने राज्य निकायों के भीतर विवादों के कारण प्रक्रिया में पांच दिन की देरी करने का फैसला किया, जिसके सदस्य चुनाव में मतदान करेंगे। कुछ सदस्यों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह के परिवार के सदस्यों को वोट देने की अनुमति दिए जाने की संभावना पर आपत्ति जताई है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने कुश्ती महासंघ की चुनाव की तारीखों में बदलाव कर दिया है। भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव छह जुलाई को होना निश्चित था मगर अब इसकी तारीख में एक बार फिर से बदलाव कर दिया है। इसके पीछे अहम कारण भी सामने आया है।
भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव अब 11 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। इस चुनाव को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ ने नई तारीखों का ऐलान कर दिया है। ये बदलाव आईओए की तदर्थ समिति ने चुनाव में मताधिकार की मांग कर रही पांच अमान्य प्रदेश ईकाइयों की दलीलें सुनने के बाद किया है।
उच्च न्यायालय के सेवानिवृत जज एम एम कुमार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति से पांच प्रदेश ईकाइयों महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश ने संपर्क किया था। इन पाचों को डब्ल्यूएफआई से मान्यता नहीं मिली है। समिति ने इन्हें सुनवाई के लिये आज बुलाया था। एक सूत्र ने कहा,‘‘प्रदेश ईकाइयों ने अपना पक्ष रखा। भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रतिनिधियों ने उनकी मान्यता रद्द करने के अपने फैसले को सही ठहराया। समिति को फैसला लेने के लिये समय चाहिये लिहाजा चुनाव अब 11 जुलाई को होंगे।’’
सूत्र ने कहा,‘‘दोनों पक्षों ने एक दूसरे के सामने अपना पक्ष रखा। निवर्तमान महासचिव वी एन प्रसूद ने समिति के सामने सभी संबंधित दस्तावेज रखे।’’ सूत्र ने बताया कि हरियाणा की अमान्य ईकाई का प्रतिनिधित्व आर के हुड्डा ने किया जिनके साथ वकील भी थे। वहीं मान्य ईकाई का प्रतिनिधित्व उसके अध्यक्ष रोहताश सिंह ने किया। महाराष्ट्र की अमान्य ईकाई का पक्ष बालासाहेब लांडगे और उनके बेटे ललित लांडगे ने रखा जबकि मौजूदा सचिव योगेश दोडके ने मान्य ईकाई का प्रतिनिधित्व किया।
इस कारण हुआ तारीखों में बदलाव
भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नामित एक तदर्थ समिति ने राज्य निकायों के भीतर विवादों के कारण प्रक्रिया में पांच दिन की देरी करने का फैसला किया, जिसके सदस्य चुनाव में मतदान करेंगे। कुछ सदस्यों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह के परिवार के सदस्यों को वोट देने की अनुमति दिए जाने की संभावना पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि उन्हें राज्य संघ में "अवैध रूप से नियुक्त" किया गया है। बृज भूषण के दामाद विशाल सिंह को मतदाता सूची में शामिल करने पर आपत्ति जताई गई है। विशाल बिहार कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं।
धरने पर थे पहलवान
गौरतलब है कि कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कई पदक विजेता पहलवान जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पहलवानों ने कई दिनों तक यहां प्रदर्शन किया। बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे, जिन्हें तत्कालीन अध्यक्ष ने सीरे से नकार दिया था। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में पुलिस चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी।
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पहलवान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी मिले थे। उन्होंने खिलाड़ियों को आश्वासन दिया था जिसके बाद खिलाड़ियों ने अपना आंदोलन होल्ड पर रखा था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि कुश्ती संघ के चुनाव जल्द कराए जाएंगे।
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