'पश्चिमी उत्तर प्रदेश बने अलग राज्य, मेरठ हो राजधानी', संजीव बालियान के इस दांव के पीछे क्या है कहानी

sanjeev balyan
ANI
अंकित सिंह । Oct 5 2023 2:09PM

अपने संबोधन में बालियान ने कहा, "पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनना चाहिए और मेरठ इसकी राजधानी बननी चाहिए। यहां की आबादी आठ करोड़ है और हाई कोर्ट यहां से 750 किलोमीटर दूर है। इसलिए यह मांग पूरी तरह जायज है।"

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनना चाहिए और इसकी राजधानी मेरठ होनी चाहिए। इस संसद में जाट समुदाय से जुड़े जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र को अलग राज्य बनाने, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटू राम और राजा महेंद्र सिंह को भारत रत्न देने और देश के नए संसद भवन में महाराजा सूरजमल का स्मारक स्थापित करने की मांग उठाई गई। अपने संबोधन में बालियान ने कहा, "पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनना चाहिए और मेरठ इसकी राजधानी बननी चाहिए। यहां की आबादी आठ करोड़ है और हाई कोर्ट यहां से 750 किलोमीटर दूर है। इसलिए यह मांग पूरी तरह जायज है।"

इसे भी पढ़ें: Madhya Pradesh: प्रियंका गांधी बोलीं- विपक्षी नेताओं को बनाया जा रहा निशाना, अब भाजपा को बदलने का समय

हालांकि बड़ा सवाल यह है कि आखिर संजीव बालियान ने यह मांग क्यों उठाई? उनके इस मांग को लेकर जहां कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं तो वहीं भाजपा के भीतर ही दीवार खड़ी होती दिखाई दे रही है। खुद संजीव बालियान को भी पता है कि कहीं ना कहीं उनके इस मांग को उनकी पार्टी समर्थन नहीं देगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक और बड़े नेता पूर्व विधायक संगीत सोम ने कहा कि मुझे नहीं पता कि संजीव बालियान ऐसी मांग क्यों कर रहे हैं? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पश्चिम उत्तर प्रदेश अलग हुआ तो यह पाकिस्तान बन जाएगा। भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने भी दावा किया कि इस तरह का प्रस्ताव रखना कहीं ना कहीं गलत होगा। हालांकि, भाजपा के बड़े नेताओं की ओर से कोई बड़ी प्रतिक्रिया तो नहीं आई लेकिन कहीं ना कहीं भाजपा के अंदर खाने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विचार को लेकर सहमति नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर संजीव बालियान नहीं है मांग क्यों उठा रहे?

इसे भी पढ़ें: 'भाजपा आएगी, खुशहाली लाएगी', Rajasthan में बोले PM Modi- लाल डायरी में कांग्रेस के भ्रष्टाचार की काली करतूत

राजनीतिक विश्लेषण को कामना है कि संजीव बालियान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े नेता है। वह जाट समुदाय से आते हैं। हालांकि, 2019 में मुजफ्फरनगर से उनके जीत का अंतर 6000 वोटो से भी काम था। इसके बाद किसान आंदोलन भी हुआ और जाट वोट खासतौर पर भाजपा से दूर होता दिखाई दिया। संजीव बालियान आगे की अपनी राजनीति को देखते हुए कहीं ना कहीं जाटों का समर्थन नहीं खोना चाहते। यही कारण है कि उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग की। जाट लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य देने की मांग करते रहे हैं। संजीव बालियान को यह पता है कि यह इतना आसान नहीं है। बावजूद इसके जाट वोट को अपने साथ जोड़े रखने के लिए उन्होंने यह दांव खेला है। संजीव बालियान 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर नाराज जाट वोटरों को करने की कोशिश में लगातार लगे रहे। पार्टी को इसका फायदा भी हुआ था। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़