कश्मीरी शॉल ओढ़े हुए, असॉल्ट राइफल को कांख में दबोचे, करता रहा फायरिंग...ये हैं जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में 7 मासूमों की जान लेने वाला आतंकवादी?

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ANI
रेनू तिवारी । Oct 24 2024 11:40AM

अज्ञात आतंकवादियों ने यह हमला उस समय किया जब गंदेरबल के गुंड में सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और अन्य कर्मचारी देर शाम अपने शिविर में वापस आ गए थे।

सुबह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल के बटगुंड गांव में आतंकियों ने एक गैर-स्थानीय मजदूर को गोली मार दी। शुभम कुमार नाम का यह मजदूर उत्तर प्रदेश के बिजनौर का रहने वाला था। उसके दाहिने हाथ में मामूली चोट आई है। गोलीबारी की घटना के तुरंत बाद उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के मुताबिक, वह खतरे से बाहर है। गौरतलब है कि पिछले एक हफ्ते में कश्मीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर हमले की यह तीसरी घटना है। पुलिस चोट के कारणों का पता लगा रही है। गौरतलब है कि यह घटना गंदेरबल में आतंकियों द्वारा सात लोगों, एक डॉक्टर और छह मजदूरों की हत्या के कुछ दिनों बाद हुई है। हमले के दौरान आतंकियों ने गंदेरबल में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर हमला किया था।

जम्मू-कश्मीर के त्राल में आतंकवादियों ने प्रवासी मजदूर को गोली मारी

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में बृहस्पतिवार सुबह आतंकवादियों ने उत्तर प्रदेश के एक मजदूर को गोली मार दी, जिसमें वह घायल हो गया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बिजनौर के रहने वाले शुभम कुमार को बटागुंड गांव में आतंकवादियों ने गोली मार दी। कुमार को गोली हाथ में लगी थी। उन्होंने बताया कि कुमार को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। पिछले एक हफ्ते में कश्मीर में प्रवासी मजदूरों पर हमले का यह तीसरा मामला है। रविवार को गांदरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर हुए आतंकी हमले में छह प्रवासी मजदूरों और एक स्थानीय चिकित्सक की मौत हो गई थी, जबकि 18 अक्टूबर को शोपियां जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

कश्मीर में आतंकियों की टारगेटिंग किलिंग जारी

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि दो विदेशी आतंकी, जो संभवतः उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा इलाके से घुसपैठ करके आए हैं, इस घातक हमले में शामिल थे। अज्ञात आतंकवादियों ने यह हमला उस समय किया जब गंदेरबल के गुंड में सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और अन्य कर्मचारी देर शाम अपने शिविर में वापस आ गए थे। सिन्हा ने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को इस जघन्य कृत्य के अपराधियों को पकड़ने और उन्हें खत्म करने के निर्देश और पूरी स्वतंत्रता दी गई है।

जम्मू-कश्मीर के गगनगीर हमला: असॉल्ट राइफलों से लैस आतंकी, पहली तस्वीरें सामने आई

जम्मू-कश्मीर के में हुए आतंकवादी हमले में शामिल एक आतंकवादी का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें वह कश्मीरी पोशाक ‘फेरन’ पहने और हाथ में एके-राइफल लिए हुए नजर आ रहा है, लेकिन जांचकर्ताओं ने कहा है कि उन्हें अभी इस बात की पुष्टि होनी है कि यह आतंकवादी 20 अक्टूबर को हुए हमले में शामिल था या नहीं। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर जिले में रविवार को सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों के हमले में एक चिकित्सक और छह मजदूरों की मौत हो गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी को एक झोपड़ी में प्रवेश करते हुए देखा गया है। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि यह वही झोपड़ी है जो गगनगीर सुरंग निर्माण स्थल के पास मौजूद है। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा अधिकारी विभिन्न पहलुओं के आधारों पर फुटेज की प्रामाणिकता का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

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 सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि नहीं हुई है अभी

सूत्रों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के ऊपर दाहिने कोने में ‘27 जनवरी’ अंकित है, हालांकि यह सेटिंग या तकनीकी समस्या के कारण हो सकता है। उन्होंने बताया कि आतंकवादी के हाथ में जो राइफल दिख रही है,उसके अगले सिरे पर नीले रंग का निशान है। सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों ने पीर पंजाल क्षेत्र में सुरक्षाबलों पर किए गए हमलों में इस तरह की राइफल का इस्तेमाल किया था। पीर पंजाल गगनगीर से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी में दिखे आतंकवादी ने अपना चेहरा नहीं ढका हुआ है जबकि हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि हमलावरों ने अपना चेहरा ढक रखा था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब तक एकत्र किये गये साक्ष्यों के बारे में टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि इससे मामले की जांच प्रभावित हो सकती है।

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सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और अन्य कर्मचारी पर हमला

तस्वीरों में आतंकवादियों को एक श्रमिक शिविर में घुसते हुए दिखाया गया है, जहां सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और अन्य कर्मचारी रहते थे। यह हमला रविवार रात को पीड़ितों के शिविर में लौटने के बाद हुआ। दोनों आतंकवादियों की दाढ़ी थी, वे लंबे और दुबले-पतले थे। वे काले कपड़े पहने हुए थे और ग्रे शॉल ओढ़े हुए थे। हमले के एक दिन बाद, सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को पुष्टि की कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर निवासी टीआरएफ प्रमुख शेख सज्जाद गुल हमले का मास्टरमाइंड था और संगठन के स्थानीय मॉड्यूल ने पहली बार कश्मीरियों और गैर-कश्मीरियों को एक साथ निशाना बनाकर हमला किया। सूत्रों के अनुसार, टीआरएफ ने पिछले एक महीने से सोनमर्ग साइट की रेकी की थी, जिसमें रविवार के हमले को अंजाम देने में दो से तीन आतंकवादियों के शामिल होने की बात कही गई है।

कश्मीर घाटी में हुए हमले

रविवार से, अधिकारियों ने पूछताछ के लिए 40 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमें महत्वपूर्ण सबूतों की तलाश में इलाके की तलाशी ले रही हैं। सेना, सीआरपीएफ और पुलिस कर्मियों ने भी सोमवार को सोनमर्ग में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया। सात पीड़ितों में से तीन की पहचान हो गई है - डॉ. शाहनवाज, शशि भूषण अबरोल और गुरमीत सिंह।

यह कश्मीर घाटी में प्रवासी श्रमिकों पर सबसे घातक हमलों में से एक था। 18 अक्टूबर को, आतंकवादियों ने शोपियां जिले में बिहार के एक प्रवासी श्रमिक अशोक चौहान की हत्या कर दी थी। स्थानीय लोगों को जैनापोरा के वडुना इलाके में चौहान का गोलियों से छलनी शव मिला था। अप्रैल में, अनंतनाग जिले में एक लक्षित हमले में आतंकवादियों ने प्रवासी मजदूर राजू शाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पिछले करीब दो सालों से, टीआरएफ ने घाटी में कश्मीरी पंडितों, सिखों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाया है।

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