बिहार में कौन सी खिचड़ी पक रही ? सोनिया-नीतीश की बातचीत का खंडन करने से कांग्रेस नेता का इनकार

Madan Mohan Jha
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बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा ने प्रदेश की हालिया राजनीतिक स्थिति के बारे में बताया कि हम मौजूदा घटनाक्रम को लेकर चर्चा करेंगे। हमें अभी तक नीतीश कुमार के सोनिया गांधी के साथ बात करने की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन हम इसका खंडन नहीं करते हैं।

पटना। बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम में तेजी से बदलाव के संकेत दिखाई दे रहे हैं। विपक्षी दलों में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस ने राजनीतिक हालात पर चर्चा करने के लिए अपने विधायक दल की बैठक बुलाई। दूसरी तरफ चर्चा रही कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बातचीत की। सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई। इस विषय पर जब बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा से सवाल किया गया तो उन्होंने इसका खंडन करने से इनकार कर दिया।

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा ने प्रदेश की हालिया राजनीतिक स्थिति के बारे में बताया कि हम मौजूदा घटनाक्रम को लेकर चर्चा करेंगे। हमें अभी तक नीतीश कुमार के सोनिया गांधी के साथ बात करने की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन हम इसका खंडन नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का फैसला पार्टी आलाकमान लेगा। विधायक आ चुके हैं और कम से कम 10 अगस्त तक पटना में रहेंगे। हम पहले से ही राजद के साथ गठबंधन में हैं और अभी तक सीएम नीतीश कुमार से बात नहीं कर रहे हैं। 

नीतीश की मदद के लिए कांग्रेस तैयार !

इसी बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं विधायक शकील अहमद खान का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री भाजपा के साथ संबंध तोड़ने का फैसला लेते हैं तो पार्टी विपक्षी खेमे में उनका स्वागत करेगी। खान ने कहा कि हम हमेशा मानते हैं कि समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए। समाजवादी विचारधारा में विश्वास रखने वाली मुख्यमंत्री की पार्टी जदयू अगर भाजपा का साथ छोड़ती है तो हम निश्चित रूप से इसका स्वागत करेंगे। हम शाम को बैठक में स्थिति पर चर्चा करेंगे।

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मौजूदा परिस्तिथियों को लेकर कांग्रेस चर्चा कर रही है। जबकि वाम दलों ने तो नीतीश कुमार का समर्थन करने का मन बना लिया है। वाम दलों ने कहा कि भाजपा को छोड़कर यदि सत्ता में आने के लिए कोई गठबंधन बनता है तो वे उसका स्वागत करेंगे। बिहार में 12 विधायकों वाले सबसे बड़े वाम दल भाकपा-माले ने कहा कि यदि जदयू भाजपा का साथ छोड़कर नए गठबंधन से जुड़ता है तो वह मदद का हाथ बढ़ाएगा।

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