क्या जान-बूझकर मजदूरों को दिल्ली से बाहर भिजवा रही थी केजरीवाल सरकार? अब हुआ बड़ा खुलासा
एक वीडियो भी खूब वायरल हुई थी जिसमें झुग्गियों में घोषणा करवाई जा रही है कि आनंद विहार और दिल्ली से बाहर जाने के लिए बसें चलाई जा रही हैं। हालांकि यह घोषणा किसने करवाई थी और क्यों करवाई गई थी इस पर अभी कोई स्पष्टीकरण कहीं से भी नहीं आया है।
भले ही कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन की स्थिति में केजरीवाल बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन उन पर अब सवाल उठने लगे है। दरअसल मामला प्रवासियों को दिल्ली से बाहर भेजने का है। दिल्ली की सरकार और यहां के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लग रहे है कि उन्होंने बकायदा जान-बूझकर प्रवासियों को दिल्ली के बाहर भिजवाया। आपको बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद ही दिल्ली से हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपने राज्य के लिए लौटने लगे। इन मजदूरों के पलायन को रोकना केंद्र की सरकार और राज्य सरकारों के लिए मुश्किल हो गया। दिल्ली में स्थिति इतनी बिगड़ी कि लॉकडाउन के बावजूद भी सड़कों पर हजारों मजदूर पैदल चलते दिखाई दे रहे थे। यह मजदूर रिक्शा चालक, फैक्ट्री कर्मचारी आदि थे जो अपने गांव जाने के लिए निकल पड़े थे।
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अब यह दावा किया जा रहा है कि भले ही दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल पलायन कर रहे मजदूरों को रोकने के लिए तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं पर सच यही है कि दिल्ली सरकार की ही वजह से मजदूरों का पलायन हुआ। दरअसल यह कहा जा रहा है कि लॉक डाउन की स्थिति में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के 300 बस ड्राइवरों से बात की थी और उन्हें दिल्ली से बाहर जाने का परमिशन दिया था। उन बस ड्राइवरों से कहा गया था कि पलायन कर रहे मजदूरों को उनके गांव तक आपको छोड़ कर आना है। दिल्ली बस एसोसिएशन का दावा है कि 28 मार्च को दिल्ली सरकार ने यह बैठक रात के 12 बजे से 2 बजे के बीच की थी। इस बैठक में दिल्ली सरकार ने मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए 300 बसों के इंतजाम करने की बात कही थी। लगभग 2:30 बजे रात को सभी बस ड्राइवर को यह सूचित कर दिया गया था कि उन्हें बस को लेकर यूपी के अलग-अलग हिस्सों में जाना होगा।
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सुबह 8:00 बजे तक कई बसें रवाना हो चुकी थी। यह बसें मेरठ, लखनऊ और कानपुर की तरफ जा रही थी लेकिन जैसे यह भनक दिल्ली पुलिस को लगी तो कार्रवाई की शुरुआत की गई। बसों को खाली करवाया गया। मजदूरों से ना जाने की बात कही गई और बसों को जप्त भी कर लिया गया। इससे पहले भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर दावा किया था कि केजरीवाल सरकार जगह-जगह से आनंद विहार के लिए डीटीसी बस चलवा रही है। इन्हीं बसों से लाखों की भीड़ आनंद विहार में इकट्ठा हो रही है। साफ-साफ यह तमाशा जानबूझकर किया जा रहा है और उन्होंने पूछा था केजरीवाल जी आप क्या चाहते हो? आपको बता दें कि आनंद विहार बस अड्डे के पास मजदूरों का ऐसा रेला लगा था जैसे मानो कि उन्हें यहां से भगाया जा रहा है।
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एक वीडियो भी खूब वायरल हुई थी जिसमें झुग्गियों में घोषणा करवाई जा रही है कि आनंद विहार और दिल्ली से बाहर जाने के लिए बसें चलाई जा रही हैं। हालांकि यह घोषणा किसने करवाई थी और क्यों करवाई गई थी इस पर अभी कोई स्पष्टीकरण कहीं से भी नहीं आया है। भले ही अरविंद केजरीवाल यह दावा कर रहे हैं कि वे 6 लाख लोगों को दो वक्त का खाना दे रहे हैं, उन्हें रहने की सुविधा मुहैया करा रहे हैं लेकिन सच तो यही है कि उनकी यह कोशिश अब तक गरीब मजदूरों तक नहीं पहुंच पा रही है। वह एक तरफ जहां मजदूरों को पलायन रोकने के लिए कहते हैं तो दूसरी तरफ उनके ही राज्य से बसे चलवाई जाती है और मजदूरों को दिल्ली से बाहर निकलवाया जाता है। एक मुख्यमंत्री के नाते उन्हें इसकी जिम्मेदारी तो लेनी पड़ेगी आखिर दिल्ली से बसें चली तो चली कैसे और चली भी तो क्यों चलाई गई जबकि देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा की गई थी।
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