Manipur में फिर से हिंसा और आगजनी, बुलाई गई सेना, कर्फ्यू भी लगाया गया
मणिपुर पिछले कई दिनों से विभिन्न मुद्दों से जुड़े जातीय संघर्षों का सामना कर रहा है। पहले की हिंसा के बाद लोगों द्वारा खाली किए गए खाली घरों में तोड़-फोड़ की खबरें आ रही हैं। कुछ घरों में आग भी लगाई गई है।
कई दिनों की तनावपूर्ण शांति के बाद आज दोपहर फिर से ताजा संघर्ष के बाद सेना और अर्धसैनिक बलों को हिंसा प्रभावित मणिपुर भेजा गया है। सूत्रों ने कहा कि राज्य की राजधानी इंफाल के न्यू चेकॉन इलाके में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच मारपीट हुई। स्थानीय बाजार में जगह को लेकर झड़प शुरू हो गई थी। इलाके से आगजनी की खबरें आने के बाद कर्फ्यू घोषित कर दिया गया। मणिपुर पिछले कई दिनों से विभिन्न मुद्दों से जुड़े जातीय संघर्षों का सामना कर रहा है। पहले की हिंसा के बाद लोगों द्वारा खाली किए गए खाली घरों में तोड़-फोड़ की खबरें आ रही हैं। कुछ घरों में आग भी लगाई गई है।
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इस महीने की शुरुआत में पहाड़ी राज्य में तब झड़पें हुई थीं, जब आदिवासियों ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में 3 मई को एकजुटता मार्च निकाला था। एक सप्ताह से अधिक समय से चले हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। हजारों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर तनाव से पहले झड़पें हुईं, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए। हिंसा प्रभावित मणिपुर में आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले ट्रकों की विशेष सुरक्षा के बीच आवाजाही जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूर्वोत्तर राज्य में जरूरी सामान की कोई कमी न हो।
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मणिपुर में मैतेई समुदाय की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और ये ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय समुदायों-नगा और कुकी समेत अन्य की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। इस हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। पूर्वोत्तर राज्य में हालात काबू में करने के लिए सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों के करीब 10,000 कर्मियों को तैनात करना पड़ा।
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