कहीं पर भी बाल विवाह हुआ तो इलाके के मुखिया होंगे जिम्मेदारः बिहार सरकार

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पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, ''बाल विवाह निषेध अधिनियम और दहेज विरोधी कानून को सख्ती से लागू करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। साथ ही हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि सभी मुखिया को इसे रोकने में अपनी भूमिका को जानना चाहिए।

पटना। बिहार सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को राज्य में बाल विवाह निषेध अधिनियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी इलाके से अवैध विवाह की सूचना मिलती है तो संबंधित मुखिया को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। पंचायती राज विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि यदि किसी क्षेत्र से बाल विवाह की सूचना मिलती है तो सरकार संबंधित मुखिया और पंचायत के वार्ड सदस्यों को हटाने की कार्रवाई भी शुरू करेगी। विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में ग्राम पंचायतों को इस संबंध में संवेदनशील बनाने और राज्य में बाल विवाह को रोकने में उनकी भूमिका के बारे में मुखिया को भी जानकारी देने को कहा है।

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पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, ''बाल विवाह निषेध अधिनियम और दहेज विरोधी कानून को सख्ती से लागू करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। साथ ही हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि सभी मुखिया को इसे रोकने में अपनी भूमिका को जानना चाहिए क्योंकि वे स्थानीय स्वशासन के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं।’’ उन्होंने कहा कि आम तौर पर मुखिया गांवों में विवाह प्रमाणपत्र जारी करते हैं इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्रों में बाल विवाह की जांच करें। मंत्री ने कहा कि यदि बाल विवाह किसी विशेष क्षेत्र में हो रहा है तो संबंधित मुखिया का यह कर्तव्य है कि वह तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें। यदि पंचायती राज विभाग को किसी विशेष इलाके में इस तरह के विवाह के बारे में पता चलता है तो इसके लिए मुखिया को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। ऐसे में मुखिया अपनी सदस्यता खो देंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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