एक तरफ जल रही कन्हैया लाल की चिता, दूसर तरफ बेटे लगा रहे गुहार- पिता को मिल रही थी धमकियां, पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
पीड़ित कन्हैया लाल के बेटों और तरुण ने कहा कि उनके पिता को नियमित रूप से धमकी भरे फोन आते थे। यश ने पुलिस को भी इसके बारे में बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि, पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
राज्यस्थान की बर्बर घटना कि देश में चारो ओर निंदा हो रही है। एक तरफ मृतक कन्हैया लाल की चिता जल रही है वहीं उनके दोनों बेटे ये गुहार लगा रहे हैं कि जिस तरह से नाइंसाफी हुई है और वक्त रहते कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर सख्त से सख्त एक्शन लेकर लिया जाए। इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव बात करते हुए पीड़ित कन्हैया लाल के बेटों और तरुण ने कहा कि उनके पिता को नियमित रूप से धमकी भरे फोन आते थे। यश ने पुलिस को भी इसके बारे में बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि, पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
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कन्हैया लाल के बेटे ने कहा कि एक पोस्ट गलती से शेयर हो गई थी। उसके चक्कर में पिताजी पर सामने वाले पक्ष ने एफआईआर कर दी थी। उसके लिए पापा को थाने बुलाया गया था। 24 घंटे बिठाकर रखा गया था। हमने अगले दिन बेल करवाकर छुड़वा लिया था। फिर चार से पांच दिन तक हमने दुकान नहीं खोली। हमें प्रशासन की तरफ से मना किया गया था कि आपको छोड़े दिन दुकान नहीं खोलनी है। यहां पर आपको बता दें कि मृतक कन्हैया लाल धानमंडी स्थित भूतमहल के पास सुप्रीम टेलर्स नाम से दुकान चलाते थे।
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उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद फिर कहा गया था कि समझौता कर लेंगे। समझौते की बात के लिए पापा और उनके कुछ दोस्त धानमंडी थाने में गए थे। फिर केस वापस ले लिया गया। फिर कहा गया था कि अब कुछ नहीं होगा। लेकिन दो तीन दिन बाद किसी ने दुकान पर आकर धमकी दी। कहा गया था कि आप बचोगे नहीं। उसके पांच से छह दिन बाद ये वारदात को अंजाम दिया गया। हमारी पिताजी को मार दिया गया। मेरे पिताजी रोज की तरह सुबह 10 बजे अपने टेलर शॉप के लिए निकले थे। लेकिन उसके बाद उनके मौत की खबर आई।
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कन्हैया लाल के बेटों ने कहा कि जिस तरह की धमकी आ रही थी उसके मद्देनजर हमने भी एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सेल्फ डिफेंस में कि ऐसा कुछ होता है तो हमें भी सुरक्षा मिले, एक दो दिन मिला भी लेकिन उसके बाद फिर लापहवाही से हटा दिया गया। उनके तरफ से थोड़ी सुरक्षा और मिलती तो शायद मेरे पिता बच जाते। इसलिए पुलिस की भी गलती है।
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