कोरोना महामारी में विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए वरदान साबित हो रहा है शिक्षा में तकनीक का उपयोग
कोरोना महामारी के संकट के इस दौर में इस डिजिटल माध्यम से शिक्षा विभाग विद्यार्थियों तक शिक्षा की अविरल धारा को पहंुचा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए हर घर पाठशाला, ईपीटीएम और डिजिटल साथी अभियान बच्चों को शिक्षित बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। हर घर पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के शत-प्रतिशत विद्यार्थियों तक जुड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में 80 प्रतिशत विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है।
शिमला। कोरोना महामारी में विद्यार्थियों की पढ़ाई निर्बाध जारी रखने के लिए प्रदेश सरकार ने कई अभिनव कार्यक्रम शुरू किए हैं। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इण्डिया अभियान का बखूबी उपयोग कर रही है। केन्द्र सरकार के डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीक के माध्यम से लोगों को एक डिजिटल सोल्यूशन प्रदान करना है।
कोरोना महामारी के संकट के इस दौर में इस डिजिटल माध्यम से शिक्षा विभाग विद्यार्थियों तक शिक्षा की अविरल धारा को पहंुचा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए हर घर पाठशाला, ईपीटीएम और डिजिटल साथी अभियान बच्चों को शिक्षित बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। हर घर पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के शत-प्रतिशत विद्यार्थियों तक जुड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में 80 प्रतिशत विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है। प्रदेश के 6.4 लाख विद्यार्थी व्हाट्सएप्प और 55 प्रतिशत विद्यार्थी साप्ताहिक क्विज़ जैसी शैक्षणिक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं।
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प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हर घर पाठशाला के दूसरे चरण की शुरूआत की गई। इसके माध्यम से कार्यक्रम को और अधिक विद्यार्थी हितैषी बनाया गया। अब इस कार्यक्रम में गुगल मीट के माध्यम से शिक्षकों द्वारा लाइव क्लासिज लगाई जा रही है। लाइव क्लासिज में अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को अध्यापकों द्वारा काॅल की जाती है।
शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के मध्य संवाद स्थापित करने के लिए प्रदेशभर में दो बार आॅनलाइन माध्यम से ई-पीटीएम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से 92 प्रतिशत अभिभावकों के साथ अध्यापकों ने संवाद स्थापित किया।
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प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमज़ोर विद्यार्थियों को मोबाइल प्रदान करने का देश का पहला अभिनव अभियान ‘डिजिटल साथी बच्चों का सहारा फोन हमारा’ सर्व शिक्षा अभियान के तहत शुरू किया गया। इस अभियान के माध्यम से दानकर्ताओं द्वारा प्राप्त मोबाइल फोन जरूरतमंद बच्चों को वितरित किए जाएंगे। डिजिटल साथी कार्यक्रम के सफल और पारदर्शी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल साथी पोर्टल का भी शुरूआत की गई। इस पोर्टल द्वारा दानकर्ता मोबाइल फोन की टैªकिंग भी कर सकता है। इस पोर्टल के माध्यम से दानकर्ता ई-सर्टिफिकेट भी प्राप्त कर सकता है। प्रदेश सरकार की मुहिम को फिल्म जगत की अभिनेत्री यामी गौतम का भी साथ मिला।
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इस अभियान के लिए शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने भी मोबाइल फोन प्रदान किए हैं। प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए समाज का हर वर्ग इस अभियान से बढ़चढ़ कर जुड़ रहा है। अब तक इस अभियान के तहत दानकर्ताओं और काॅरपोरेट जगत से 1371 मोबाइल फोन प्राप्त हो गए हैं। इस अभियान के माध्यम से आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चे लाभान्वित होंगे, जो धन के अभाव में मोबाइल फोन नहीं खरीद पा रहे थे।
कोरोना महामारी ने समाज के हर वर्ग पर शारीरिक और मानसिक रूप से नकारात्मक प्रभाव डाला है। विद्यार्थियों और शिक्षक वर्ग को इन नकारात्मक प्रभावों से राहत प्रदान करने के लिए हिम तत्पर शिक्षा के साथ योग कार्यक्रम भी चलाया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों और विद्यार्थियों को हर घर पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से योग और ध्यान सिखाया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के लगभग 8 लाख से अधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का प्रयास किया गया।
कोरोना महामारी में विद्यार्थियों की पढ़ाई निर्बाध जारी रखने के लिए प्रदेश सरकार के तकनीक के माध्यम से शुरू किए गए अभिनव कार्यक्रमों को देश भर में सराहा जा रहा है और शिक्षा में तकनीक का उपयोग बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
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