अमेरिका ने भारत के साथ 2+2 वार्ता स्थगित की: विदेश मंत्रालय
अमेरिका ने आज भारत को इस बात से अवगत कराया कि वह दोनों देशों के बीच होने वाली प्रथम 2+2 वार्ता अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर रहा। साथ ही, उसने इसके लिए खेद व्यक्त किया है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिका के उनके समकक्ष माइक पोम्पिओ स्थगित किए गए ‘2+2 डायलॉग ’ को आपसी सहमति से सुविधाजनक समय और स्थान पर जल्द से जल्द फिर से आयोजित करने पर राजी हो गए। इससे पहले सुषमा और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का छह जुलाई को पोम्पिओ और अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका आने का कार्यक्रम था। लेकिन पोम्पिओ ने कल सुषमा को फोन कर ‘‘ अपरिहार्य कारणों ’’ से वार्ता टालने के लिए ‘‘ खेद और निराशा ’’ जताई थी।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने आज बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान पोम्पिओ ने अमेरिका - भारत सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की। साथ ही कहा कि ट्रंप प्रशासन के लिए भारत ‘‘ बड़ी प्राथमिकता ’’ है। प्रवक्ता नेकहा, ‘‘पोम्पिओ और सुषमा इस बात पर सहमत हो गए कि आपसी सहमति से सुविधाजनक समय और स्थान पर जल्द से जल्द 2+2 डायलॉग फिर से आयोजित कराया जाए।’’ वार्ता स्थगित करने के पीछे के कारणों के बारे में ना बताते हुए प्रवक्ता ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के लिए अमेरिका - भारत संबंध ‘‘ बड़ी प्राथमिकता ’’ है और वह साझेदारी को ‘‘मजबूत’’ बनाने के लिए उत्साहित हैं।
प्रवक्ता ने कहा , ‘‘ अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा में भारत की अहम भूमिका राष्ट्रपति की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में दिखाई देती है। उसमें कहा गया है कि ‘ हम अग्रणी वैश्विक शक्ति और मजबूत कूटनीतिक तथा रक्षा साझेदार के तौर पर भारत के उभरने का स्वागत करते हैं। ’’ एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा , ‘‘ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली अभी नयी दिल्ली की यात्रा पर हैं जिसका मकसद अमेरिका - भारत संबंधों को मजबूत करना और विधि सम्मत अंतरराष्ट्रीय शासन के लिए प्रतिबद्ध दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के साझा मूल्यों को रेखांकित करना है।’’
दोनों देशों के बीच पहले 2+2 डायलॉग को स्थगित करने का फैसला अमेरिकी थिंक टैंक समुदाय में मौजूद भारतीय मामलों के विशेषज्ञों के लिए निराशाजनक है।हेरीटेज फाउंडेशन के जेफ स्मिथ ने कहा , ‘‘ स्थगन निराशाजनक है। 2+2 को स्थगित होते देखना सुखद नहीं है। मेरा मानना है कि ट्रंप प्रशासन राष्ट्रपति पुतिन के साथ शिखर वार्ता को लेकर विचलित है। ’’ ओबामा प्रशासन के पूर्व अधिकारी जोशुआ टी व्हाइट ने इस वार्ता को स्थगित करने को ‘‘ अमेरिका के लिए दुर्भाग्यूपर्ण और शर्मनाक ’’ बताया।
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