UPSC धोखाधड़ी और जालसाजी को रोकने के लिए नई तकनीक के साथ अपनी परीक्षा प्रणाली में सुधार करेगा
सरकारी परीक्षाओं में धोखाधड़ी और जालसाजी के हालिया मामलों के बीच संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने अपनी परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए उन्नत डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने का फैसला किया है।
यूपीएससी धोखाधड़ी और जालसाजी को रोकने के लिए नई तकनीक के साथ अपनी परीक्षा प्रणाली में सुधार करेगा। सरकारी परीक्षाओं में धोखाधड़ी और जालसाजी के हालिया मामलों के बीच संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने अपनी परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए उन्नत डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने का फैसला किया है। आयोग उम्मीदवारों के लिए अत्याधुनिक आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और चेहरे की पहचान को शामिल करने की योजना बना रहा है।
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परीक्षाओं के दौरान धोखाधड़ी और नकल को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) निगरानी, ई-एडमिट कार्ड की क्यूआर कोड स्कैनिंग जैसे तकनीकी समाधानों की भी योजना बनाई जा रही है।
यूपीएससी हर साल 14 परीक्षाएँ आयोजित करता है, जिसमें सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) और शीर्ष सरकारी पदों के लिए कई भर्ती परीक्षाएँ और साक्षात्कार शामिल हैं।
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