हाथरस पीड़िता को झूठा साबित करने की साजिश रच रही यूपी सरकार: सुरजेवाला
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Oct 2 2020 6:47PM
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा कि पीड़िता ने मृत्यु पूर्व अपने बयान में सामूहिक बलात्कार की पुष्टि की थी। सुरजेवाला केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कैथल में थे।
चंडीगढ। हाथरस की दलित लड़की से बलात्कार नहीं होने का उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के दावा करने के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ‘‘पीड़िता को झूठा साबित करने की साजिश’’ रच रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उप्र के अधिकारियों ने चीजों को ढंकने की कोशिश की और हिंदू धर्म के रस्मों के विरूद्ध रातोंरात पीड़िता का जबरन दाह-संस्कार कर दिया।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह अपने आप में एक दुखद घटना है। (उप्र की) योगी आदित्यनाथ सरकार का सिर शर्म से झुक जाना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आदित्यनाथ के एडीजी, कानून व्यवस्था, अब कह रहे हैं कि बलात्कार नहीं हुआ था। आदित्यनाथ जी, यदि आपकी भी बेटी होती तो आपको दर्द समझ में आता। यदि किसी के बेटी या बेटे के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो कितना दर्द होता है।’’
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा कि पीड़िता ने मृत्यु पूर्व अपने बयान में सामूहिक बलात्कार की पुष्टि की थी। सुरजेवाला केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कैथल में थे। उन्होंने कहा, ‘‘उसके (पीड़िता के) मरने के बाद आप उसे झूठा साबित करने की साजिश रच रहे हैं। इस तरह के कृत्यों के लिये भगवान आपको कभी माफ नहीं करेगा, आदित्यनाथ। आपको इस्तीफा दे देना चाहिए और उत्तर प्रदेश की जनता के बीच जाना चाहिए, जो आपको बताएंगे कि भाजपा सरकार की क्या हकीकत है। ’’ उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने फोरेंसिक जांच का हवाला देते हुए कहा था कि जांच में पीड़िता से बलात्कार होने का संकेत नहीं मिला है।UP प्रशासन सच छुपाने के लिए दरिंदगी पे उतर चुका है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 2, 2020
ना तो हमें, ना मीडिया को पीड़िता के परिवार को मिलने दिया और ना उन्हें बाहर आने दे रहे हैं, ऊपर से परिवारजनों के साथ मार-पीट और बर्बरता।
कोई भी भारतीय ऐसे बरताव का समर्थन नहीं कर सकता। pic.twitter.com/5GMjlSBw1P
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हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों ने इस सिद्धांत को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह जरूरी नहीं है कि पीड़िता का शव अपराध को साबित करने के लिये कोई जरूरी चीज नहीं हो सकती है। इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि बलात्कार का आरोप प्राथमिकी में तब जोड़ा गया था जब पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसके साथ यह घटना हुई है। पीड़िता की मंगलवार सुबह दिल्लीके सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि प्रशासन ने जबरन रातोंरात उसका दाह-संस्कार कर दिया।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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