यूपी चुनाव: पंकज सिंह, धीरेंद्र सिंह और तेजपाल नागर पर भाजपा ने फिर लगाया दांव
दादरी सीट से भाजपा ने तेजपाल नागर पर एक बार फिर दांव खेला है। उनका मुकाबला सपा के प्रत्याशी राजकुमार भाटी और बसपा प्रत्याशी मानवीर भाटी से है।
बीजेपी ने गौतमबुद्ध नगर की सभी 3 सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। भाजपा ने यहां की तीनों विधानसभा सीटों से मौजूदा विधायकों को ही फिर से चुनावी अखाड़े में उतारा है। नोएडा से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, दादरी से तेजपाल नागर और जेवर विधानसभा सीट से धीरेंद्र सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया गया है।
इन तीनों को चुनावी मैदान में उतारने पर भाजपा ने यह माना होगा कि इनके खिलाफ जिले में सत्ता विरोधी लहर का कोई प्रभाव नहीं है। हालांकि माना यह भी जा रहा था कि इन 3 सीटों पर ही 10 से 25 उम्मीदवार टिकट की लाइन में खड़े थे। लेकिन इनकी दावेदारी पर कोई गौर नहीं किया गया। सियासी जानकार मानते हैं कि बीजेपी ने हालात को देखते हुए भी यह फैसला लिया ताकि विधायक अपने ही रहें और मजबूती के साथ चुनाव लड़ा जाए। इसी वजह से तीनों विधायकों को फिर से चुनावी अखाड़े में उतारा गया है।
पंकज सिंह
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सुपुत्र पंकज सिंह 2017 में नोएडा से पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्होंने यहां से सपा कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी सुनील चौधरी को 1,04016 वोटों से हराया था। 5 साल के इस पूरे कार्यकाल में पंकज सिंह की छवि एक साफ-सुथरे नेता की रही है। उनकी इसी साफ-सुथरी छवि और संगठन में सक्रियता के चलते पार्टी ने उन्हें एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है। कहा यह भी जा रहा है कि दूसरे दावेदार उनके मुकाबिल हल्के थे इसलिए पार्टी ने एक बार फिर उनको चुना।
तेजपाल नागर
दादरी सीट से भाजपा ने तेजपाल नागर पर एक बार फिर दांव खेला है। उनका मुकाबला सपा के प्रत्याशी राजकुमार भाटी और बसपा प्रत्याशी मानवीर भाटी से है। 2017 के चुनाव में तेजपाल नागर ने बसपा के सतवीर गुर्जर को हैट्रिक लगाने से रोका था। तेजपाल नागर ने सतवीर गुर्जर को 80140 मतों से हराया था। कहा जा रहा है कि पार्टी में कुछ ने नेताओं ने तेजपाल नागर की दावेदारी का विरोध भी किया था लेकिन बीजेपी ने फिर भी तेजपाल को टिकट देकर गुर्जर बिरादरी को एक संदेश देने की कोशिश की है।
धीरेंद्र सिंह
जेवर विधानसभा सीट से धीरेंद्र सिंह बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर चुनावी ताल ठोक रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में धीरेंद्र सिंह ने बसपा से यह सीट छीन ली थी। टिकट देने से पहले बीजेपी ने धीरेंद्र सिंह का इस क्षेत्र में अनुभव और यहां के जाति समीकरण को भी परखा। बीएसपी से और सपा रालोद गठबंधन से प्रत्याशी भी गुर्जर हैं।
असंतोष की वजह बनता बदलाव
इन तीनों नेताओं पर भरोसा दोहराए जाने की बात बीजेपी नेता खुलकर नहीं बोल रहे हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि दादरी सीट पर 25 दावेदार और थे। अगर इस सीट पर टिकट काटा जाता तो 24 अन्य दावेदारों में असंतोष होता, इसी तरह नोएडा सीट पर भी एक संगठन पदाधिकारी और एक प्रवक्ता की दावेदारी थी लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। इसी तरह से जेवर सीट पर भी कई उम्मीदवार थे। हो सकता है इन दावेदारों को अगले चुनाव में मौका दिया जाए।
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