केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल अपना दल-एस की निर्विरोध अध्यक्ष बनीं

Anupriya Patel
प्रतिरूप फोटो
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पार्टी मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार राज्य स्तरीय पार्टी की मान्यता मिलने के बाद शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल एस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ, जिसमेंचुनाव प्रक्रिया के तहत अनुप्रिया पटेल फिर से निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं।

केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साझीदार अपना दल-सोनेलाल (अपना दल-एस) के शुक्रवार को यहां आयोजित राष्‍ट्रीय अधिवेशन में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को पुन: दल का निर्विरोध राष्‍ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। अध्यक्ष चुने जाने के बाद अनुप्रिया पटेल ने अपने संबोधन में कहा, ‘शेर की बेटी हूं कभी पीछे नहीं हटूंगी।’

पार्टी मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार राज्य स्तरीय पार्टी की मान्यता मिलने के बाद शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल एस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ, जिसमेंचुनाव प्रक्रिया के तहत अनुप्रिया पटेल फिर से निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं। निर्वाचन में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाहर लाल पटेल ने मुख्य चुनाव अधिकारी, राष्ट्रीय सचिव माता बदल तिवारी व केके पटेल ने सहायक चुनाव अधिकारी की भूमिका निभाई।

मुख्य चुनाव अधिकारी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा से पहले कार्यकर्ताओं को बताया कि अपना दल-एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार के तौर पर अनुप्रिया पटेल का ही नामांकन पत्र मिला, लिहाजा उनको निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाता है। अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने संबोधन में अनुप्रिया पटेल ने कहा, ‘शेर की बेटी हूं पीछे नहीं हट सकती।’

सामाजिक न्याय की विचारधारा से पीछे न हटने का संकल्प लेते हुए उन्होंने सभागार में हजारों प्रतिनिधियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आलोचनाओं से घबराना नहीं है, क्योंकि पार्टी की प्रगति जिस तेजी से हो रही है, आलोचना स्वाभाविक है। पटेल ने कहा कि 17 अक्टूबर 2009 को जब मेरे शेर पिता डॉ.सोनेलाल पटेल का निधन हुआ था, उसके 20 दिन पहले ही मेरी शादी हुई थी। मैं राजनीति का ककहरा भी नहीं जानती थी, लेकिन उस समय पार्टी के लोगों ने मुझे महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी।

उल्लेखनीय है कि अपना दल (एस) युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हेमंत चौधरी ने पिछले हफ्ते अपना दल (एस) नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया था कि पति-पत्‍नी (अनुप्रिया पटेल-आशीष सिंह पटेल) ने पार्टी को मियां बीवी प्राइवेट लिमिटेड बना दिया है। उन्होंने टिकट बेचने का भी आरोप लगाया था। हालांकि, पार्टी ने चौधरी को उनके बगावती रुख अपनाने से पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अपने भावुक संबोधन में नवनिर्वाचित अध्यक्ष पटेल ने कहा कि वह वर्ष 2012 में वाराणसी के रोहनिया से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की।

उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने दो सीट पर चुनाव लड़ा और दोनों पर जीत दर्ज की। 2017 के विधानसभा चुनाव में 11 सीट पर अपना दल (एस) के उम्मीदवार लड़े और इनमें से नौ सीट पर जीत का परचम लहराया और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के जीत दर्ज करने की दर 100 प्रतिशत रही। अनुप्रिया ने कहा, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में 17 सीट में से 12 पर अपना दल-एस ने जीत दर्ज की। पार्टी का यह विस्तार डॉ.सोनेलाल पटेल के सिपाहियों की मेहनत का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि विरोधी विरोध करते हैं तो चलता है, लेकिन जब अपने लोग ही विरोध करने लगते हैं तो अंदर से तकलीफ होती है और इस तकलीफ को मैं पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद से ही झेल रही हूं। गौरतलब है कि अपना दल की स्थापना अनुप्रिया के पिता डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने की थी और 2009 में उनके निधन के बाद अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल ने पार्टी का नेतृत्व संभाला और अनुप्रिया पार्टी की महासचिव बनीं।

वर्ष 2012 में वह पहली बार वाराणसी के रोहनिया से विधायक चुनी गईं और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन किया। मिर्जापुर से सांसद चुने जाने के बाद अनुप्रिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्रिपरिषद विस्तार में मंत्री बनने का मौका मिला और इसके बाद से ही मां-बेटी के बीच मनमुटाव शुरू हो गया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अपना दल दोफाड़ हो गया। अनुप्रिया ने भाजपा गठबंधन से अपनी पार्टी का चुनाव लड़ा और विधानसभा में उनके नौ विधायक जीते।

वर्ष 2022 में भी भाजपा गठबंधन से उनके 12 विधायक चुनाव जीते और अनुप्रिया के नेतृत्व में पार्टी राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। निर्वाचन आयोग ने अपना दल एस को राज्‍य स्‍तरीय पार्टी का दर्जा दिया। उधर, अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल के नेतृत्व में अपना दल-कमेरावादी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा। कृष्णा पटेल समेत अपना दल कमेरावादी के सभी उम्मीदवार चुनाव हार गये।

सिर्फ अनुप्रिया की बड़ी बहन पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर सिराथू से चुनाव जीतीं। परिवार के बीच शुरू हुई यह लड़ाई 2017 से ही जारी है। अनुप्रिया पटेल ने अपने ही परिवार के लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमारे ही लोगों का कंधा इस्तेमाल कर पार्टी को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है, लेकिन इतिहास गवाह है कि जब-जब पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की गई, तब-तब कार्यकर्ताओं के समर्पण, संघर्ष व कर्तव्यनिष्ठा के चलते पार्टी और मजबूत होती चली गई।

उन्‍होंने इस मौके पर 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए कार्यकर्ताओं को अभी से 24 घंटों काम करने का आह्वान किया। भाषण के दौरान अनुप्रिया पटेल ने जब अपने पिता डॉ.सोनेलाल पटेल का जिक्र किया तो उनकी आंखें नम हो गईं, गला रूंध सा गया। रुंधे गले से ही वह भाषण देती रहीं। इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और उप्र सरकार में मंत्री आशीष सिंह पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि यह सफलता पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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