शराबबंदी अभियान के ऐलान के बाद उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र

Uma Bharti writes to Chief Minister Shivraj Singh
दिनेश शुक्ल । Feb 5 2021 9:59PM

उमा भारती ने अपने पत्र में कहा कि गांधी जी की कल्पना के आजाद भारत में नशाबंदी एवं शराबबंदी भी थी किंतु देश में अभी तक जो भी प्रयास हुए है वह सरकार या राजनीतिक प्रयास की जगह सामाजिक जागरण की राह पर ज्यादा सफल हुए है। मध्य प्रदेश एक शांतिपूर्ण संस्कार शील राज्य है

भोपाल। एक तरफ जहां शिवराज सरकार नई शराब नीति लाने की तैयारियों में हैं। तो वहीं दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी की फायरब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती इसके खिलाफ खड़ी नजर आ रही हैं। उमा भारती ने प्रदेश में अगले महीने 8 मार्च से शराबबंदी अभियान चलाने का एलान किया है। तो वहीं अब उसे शुरू करने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखा है।

 

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पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि मैं इस पत्र को आप को भेजने के तुरंत बाद सार्वजनिक करुंगी ताकि कोई गलतफहमी ना पैदा की जा सके। इसके बारे में मैं आपको जानकारी दे चुकी हूं कि मध्य प्रदेश में नशाखोरी, शराबखोरी के विरुद्ध एक जन जागरण अभियान चलना चाहिए। इस संबंध में मुझसे बहुत सारे सामाजिक लोगों ने संपर्क किया तथा मेरी आगे की योजना पूछी। आप स्वयं एक परम सतोगुणी आचरण के व्यक्ति है, शराबखोरी एवं नशाखोरी से गरीब लोग तबाह हो रहे हैं, इसकी चिंता आपको भी है। मैंने उनसे आग्रह किया है कि इस विषय पर राजनीति वक्तव्य नहीं होना चाहिए तथा सरकार पर अनुचित दबाव की चेष्टा भी नहीं होनी चाहिए बल्कि सामाजिक चेतना का जागरण करके मनुष्य स्वयं स्वेच्छा से नशाखोरी तथा शराबखोरी का त्याग करें, ऐसा प्रयत्न होना चाहिए।

आगे उमा भारती ने अपने पत्र में कहा कि गांधी जी की कल्पना के आजाद भारत में नशाबंदी एवं शराबबंदी भी थी किंतु देश में अभी तक जो भी प्रयास हुए है वह सरकार या राजनीतिक प्रयास की जगह सामाजिक जागरण की राह पर ज्यादा सफल हुए है। मध्य प्रदेश एक शांतिपूर्ण संस्कार शील राज्य है, यहां भी सामाजिक जागरण की दिशा में आपसे भी हम विचार करते रहेंगे। मेरा प्रयास यही रहेगा कि नशाखोरी एवं शराबखोरी को रोकने  में हम सरकार के साथ सहयोगी भूमिका निभाए।

 

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उल्लेखनीय है कि उमा भारती के इस नशाबंदी अभियान ने सरकार की नींद उड़ा दी है। दरअसल सरकार को आबकारी महकमे से सालाना लगभग 14 हजार करोड़ का राजस्व मिलता है। इस साल भी मार्च में आबकारी की नई नीति लाकर सरकार शराब के नए ठेके तैयारी कर रही है। ऐसे में इस शराबबंदी अभियान से सरकार को खासा नुकसान पहुंच सकता है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, तो भाजपा ने कहा कि कांग्रेस मुद्दे पर भ्रम फैला रही है। कुल मिलाकर शराबबंदी का मुद्दा प्रदेश की सियासत के केंद्र में है और इस बहाने सियासी वार-पलटवार जारी है।

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