निजी क्लिनिक में प्रसव पूर्व लिंग का पता लगाने में इस्तेमाल की जाने वाली अवैध अल्ट्रासाउंड मशीन मिली: डीसीडब्ल्यू
डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कई अस्पताल और अल्ट्रासाउंड केंद्र भ्रूण के प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण में शामिल हैं, जो एक दंडनीय अपराध है।
नयी दिल्ली| दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने शुक्रवार को कहा कि यहां एक निजी क्लिनिक में प्रसव पूर्व लिंग का पता लगाने में इस्तेमाल की जाने वाली अवैध पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन मिली।
उन्होंने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की है। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी और पीएनडीटी) अधिनियम की निगरानी और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य निरीक्षण एवं निगरानी समिति (एसआईएमसी) का गठन किया है।
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इस संबंध में एक बयान के अनुसार, समिति को किंग्सवे कैंप के एक निजी नर्सिंग होम के खिलाफ शिकायत मिली थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 20,000 रुपये के भुगतान पर लिंग-निर्धारण परीक्षण किया जा रहा है। शिकायत मिलने पर शुक्रवार की सुबह एसआईएमसी द्वारा नर्सिंग होम का दौरा किया गया।
निरीक्षण के दौरान नर्सिंग होम में पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन मिली, जो अवैध थी। निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं भी पाई गईं जैसे फार्म एफ ठीक से नहीं भरा गया था, रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया था।
इसके अलावा क्लिनिक द्वारा बनाए गए अभिलेखों में कई विसंगतियां थीं। डीसीडब्ल्यू ने आरोप लगाया कि नर्सिंग होम की मालिक और उसके पति ने निरीक्षण दल के सदस्यों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज छीन लिए और उनमें से एक को फाड़ दिया। मुखर्जी नगर थाने में नर्सिंग होम के मालिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।
डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कई अस्पताल और अल्ट्रासाउंड केंद्र भ्रूण के प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण में शामिल हैं, जो एक दंडनीय अपराध है।
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डीसीडब्ल्यूदिल्ली सरकार के साथ राजधानी में इस अवैध प्रथा को रोकने की कोशिश कर रहा है। एक अस्पताल के खिलाफ बहुत गंभीर और विस्तृत शिकायत मिली थी। निरीक्षण करने पर, कई विसंगतियां पाई गईं और मालिकों ने टीम को डराने की पूरी कोशिश की। मैं दिल्ली पुलिस से क्लिनिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करती हूं।
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