उद्धव ठाकरे ने कहा- कोविड-19 के खिलाफ ‘मेरा परिवार- मेरी जिम्मेदारी’ अभियान शुरू किया गया

Uddhav Thackeray

उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी सरकार महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में टेली-आईसीयू और इस संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए कोविड-पश्चात देखभाल केंद्र स्थापित करने में जुटी है। राज्य में शुरू किया गया ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ अभियान का लक्ष्य इस महामारी के नियंत्रण के लिए लोगों के बीच प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल जागरूकता पैदा करना।

मुम्बई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को विश्वास प्रकट किया कि हाल ही में उनकी सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘मेरा परिवार- मेरी जिम्मेदारी’ अभियान से राज्य में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस बैठक के दौरान ठाकरे ने कहा कि कोविड-19 से मृत्युदर और संक्रमण दर के इस जन स्वास्थ्य अभियान से नीचे आने की संभावना है जिसका लक्ष्य कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है। इस बैठक में उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया जहां कोविड-19 के बहुत अधिक मामले आये हैं। महाराष्ट्र में अबतक इस महामारी के 12 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। ठाकरे ने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी सरकार महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में टेली-आईसीयू और इस संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए कोविड-पश्चात देखभाल केंद्र स्थापित करने में जुटी है। राज्य में शुरू किया गया ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ अभियान का लक्ष्य इस महामारी के नियंत्रण के लिए लोगों के बीच प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल जागरूकता पैदा करना है। 

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मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार मोदी ने इस बैठक के दौरान कहा कि महाराष्ट्र के लोग इस स्वास्थ्य संकट का बहादुरी से सामना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन 20 जिलों में समर्पित टीम नियुक्त की जाएं जहां यह वायरस अधिक फैला है। बयान के अनुसार मोदी ने कहा, ‘‘ यदि इस वायरस को इन 20 जिलों में नियंत्रित कर लिया जाता है तो राष्ट्रीय आंकड़े पर उसका असर होगा। ’’ ठाकरे ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह आगामी त्योहारों के मद्देनजर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के सिलसिले में राष्ट्र को संबोधित करें। उन्होंने कहा कि टीकाकरण परीक्षण प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए और उसके वितरण का प्रबंधन प्रभावी ढंग से हो। बयान में कहा गया है, ‘‘बैठक में ठाकरे ने कहा कि शुरू में चश्मा लगाना मुश्किल लगता है क्योंकि यह नाक और चेहरे पर बोझ लगता है। लेकिन वक्त बीतने के साथ व्यक्ति अभ्यस्त हो जाता है। प्रधानमंत्री ने बैठक के समापन पर इस उदारहण का हवाला दिया और कहा कि मास्क लगाना अनिवार्य है।

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