क्या उद्धव ठाकरे छोड़ देंगे शिवसेना की कमान? जानें सांसद अरविंद सावंत ने क्या दिया जवाब

Uddhav Thackeray
ANI
अंकित सिंह । Jul 7 2022 5:09PM

अरविंद सावंत ने अपने दावे में कहा कि बागी धड़े के पास कोई मान्यता नहीं है। अगर दो तिहाई विधायक भी चले जाते हैं तो भी कानून के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के अध्यक्ष बने रहेंगे और केवल वही पार्टी विधायक के नेता की नियुक्ति कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ठाकरे और शिवसेना को अलग नहीं किया जा सकता है।

शिवसेना के लिए महाराष्ट्र में राजनीतिक परिस्थितियां सामान्य होते नजर नहीं आ रही है। पहले शिवसेना के कई विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की बिगुल फूंक दी। सूत्रों का दावा है कि अब कई सांसद भी इस राह पर जाने की तैयारी में हैं। इन सबके बीच उद्धव ठाकरे को लेकर राजनीतिक कयासों का दौर भी लगातार जारी है। दावा किया जा रहा है कि शिवसेना के वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उद्धव ठाकरे पार्टी प्रमुख से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि पार्टी के सांसद और उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी अरविंद सावंत ने इन कयासों को पूरी तरीके से खारिज कर दिया है। अरविंद सावंत ने दावा किया है कि अधिकतर पार्टी विधायकों के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट में शामिल होने के बावजूद भी उद्धव ठाकरे पार्टी प्रमुख बने रहेंगे। अरविंद सावंत ने साफ तौर पर कहा कि शिवसेना बतौर राजनीतिक दल और विधायक दल ‘‘दो अलग-अलग समूह’’ हैं। 

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अरविंद सावंत ने अपने दावे में कहा कि बागी धड़े के पास कोई मान्यता नहीं है। अगर दो तिहाई विधायक भी चले जाते हैं तो भी कानून के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के अध्यक्ष बने रहेंगे और केवल वही पार्टी विधायक के नेता की नियुक्ति कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ठाकरे और शिवसेना को अलग नहीं किया जा सकता है। अरविंद सावंत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल पार्टी विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया है कि शिवसेना का चुनाव चिन्ह तीर कमान पर असली हक शिंदे गुट का ही है। सांवत ने कहा कि बागी विधायकों को तत्काल अपने गुट का विलय किसी अन्य दल में करना होगा। बागियों ने अपने गुट का किसी अन्य दल में विलय नहीं किया है। उनके पास कोई मान्यता नहीं है। कानून के मुताबिक, उन्हें किसी राजनीतिक दल में शामिल होना होगा।

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आपको बता दें कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उद्धव ठाकरे शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार की कमान संभाल रखी थी जिसे कांग्रेस और एनसीपी का भी समर्थन हासिल था। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों ने बगावत कर दी थी और वे एक गुवाहाटी के होटल में ठहरे हुए थे। शिवसेना की ओर से लगातार इन्हें मनाने की कोशिश की गई। आखिर में उद्धव ठाकरे को पहले मुख्यमंत्री आवास छोड़ना पड़ा। बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा भी दे दिया। उद्धव ठाकरे का दावा है कि सत्ता आती-जाती रहती है लेकिन पार्टी मजबूत रहेगी। फिलहाल एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन चुके हैं। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बने हैं।

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