उत्तराखंड में आज पेश होगा UCC Bill, विधानसभा में धामी करेंगे प्रस्तुत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस दौरान भारतीय संविधान की एक प्रति लेकर देहरादूह स्थित अपने आवास से निकले है। समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक को विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पेश करेंगे।
उत्तराखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री धामी समान नागरिक संहिता पर विधेयक पेश करेंगे। यह विधायक उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। इस विशेष सत्र की शुरुआत सोमवार से हुई है। जानकारी के मुताबिक इस सत्र में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अपने आवास से निकल चुके है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस दौरान भारतीय संविधान की एक प्रति लेकर देहरादूह स्थित अपने आवास से निकले है। समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक को विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पेश करेंगे। समान नागरिक संहिता का ये विधेयक बेहद खास है क्योंकि अब तक देश में किसी राज्य में इसे लागू नहीं किया गया है। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा।
इस खास सत्र के मद्देनजर पुलिस ने चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की है। देश भर में अलर्ट भी रखा गया हैष इस सत्र की शुरुआत होने से पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी सभी वर्गों के लिए अच्छा सिद्ध होगा। इस संबंध में किसी तरह की चिंता की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों से सदन में सकारात्मक तरीके से विधेयक पर चर्चा का अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने विधेयक पेश होने से एक दिन पहले कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के सपने को साकार करता है। इसके साथ ही एक भारत, श्रेष्ठ भारत के सपने को भी ये सच करता है। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी पार्टी ने बीते विधानसभा चुनावों के दौरान जनता के सामने यूसीसी लाने का संकल्प लिया था।
उन्होंने कहा कि ना सिर्फ उत्तराखंड मगर पूरा देश ही इस यूसीसी का इंतजार कर रहा है। हमारा इंतजार जल्द ही खत्म हो रहा है, जब ये विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा। देश की निगाहें इस समय उत्तराखंड की तरफ ही है। ये राज्य के लिए युगांतकारी समय है। देश की नजरें हमारी तरफ है कि कैसे विधेयक आएगा और इस पर चर्चा की जाएगी।
मंगलवार को सदन में रखे जाने के बाद विधेयक पर चर्चा की जाएगी। अन्य दलों के विधायकों से चर्चा में भाग लेने का अनुरोध करते हुए धामी ने कहा, ‘‘..सकारात्मक ढंग से चर्चा में भाग लें, मातृ शक्ति के उत्थान के लिए, राज्य के अंदर रहने वाले हर पंथ, हर समुदाय, हर धर्म के लोगों के लिए इसमें भाग लें।’’ प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में छह फरवरी को सदन के पटल पर रखे जाने को मंजूरी दी थी। चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था।
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना भी शामिल था। वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी। कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों। उधर, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि पूरे राज्य में पुलिस बल को अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं ताकि किसी भी संभावित अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
अन्य न्यूज़