शहरी विकास मंत्री ने राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया
शहरी विकास मंत्री ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग से हमारे ग्रामीण परिवेश की महिलाएं सीधे तौर पर जुड़ी हैं और अपने परिवार की आर्थिकी सुदृढ़ करने के साथ ही पारम्परिक हिमाचली हस्तकला के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सभी व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है
शिमला । शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज शिमला के गेयटी थियेटर में वस्तु मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से हिमाचल प्रदेश राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
शहरी विकास मंत्री ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग से हमारे ग्रामीण परिवेश की महिलाएं सीधे तौर पर जुड़ी हैं और अपने परिवार की आर्थिकी सुदृढ़ करने के साथ ही पारम्परिक हिमाचली हस्तकला के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सभी व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और इस तरह की प्रदर्शनियों के माध्यम से बुनकरों को अपने उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच उपलब्ध होता है। इस प्रदर्शनी में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत बुनकरों के उत्पाद बिक्री के लिए रखे गए हैं।
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उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार बुनकरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है और दस्तकारों एवं बुनकरों की सहायता के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 15 हजार लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं। हथकरघा उद्योग को युवा वर्ग की पसंद बनाने के लिए विभिन्न डिजाइनर अग्रणी संस्थाओं के साथ कार्य कर रहे हैं और उत्पादों को युवाओं की रूचि के अनुरूप बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं। मूल हथकरघा उत्पादों में स्थानीय ऊन, याक वूल, अंगोरा वूल एवं मरीनो वूल का प्रयोग होता है, जोकि मंहगा धागा है।
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उन्होंने कहा कि कुल्लू व किन्नौरी शॉल के डिजाइन को जीआई मार्क मिला है और प्रदेश सरकार अन्य उत्पादों को भी इसके अन्तर्गत लाने के लिए प्रयासरत है।
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हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम की प्रबन्ध निदेशक कुमुद सिंह ने बताया कि 8 मार्च से 14 मार्च, 2022 तक आयोजित इस प्रदर्शनी में वही बुनकर पात्र हैं, जिनके पास केन्द्र सरकार द्वारा प्रदत हैंडलूम मार्क है या उन्होंने इसके लिए आवेदन किया है।
इस सात दिवसीय प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 25 बुनकरों को अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेचने का अवसर उपलब्ध करवाया गया है। योजना के अन्तर्गत पात्र बुनकरों को 500 रुपये प्रतिदिन की दर से दैनिक भत्ता और 4 हजार रुपये यात्रा भत्ता एवं सामान ढुलाई के रूप में दिया जाएगा।
इस अवसर पर हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, शिमला नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल, उप-महापौर शैलेन्द्र चौहान सहित अन्य पार्षद व गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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