राष्ट्रीय जनजाति कला शिविर में जनजातीय कलाकारों ने दिखायी अपनी कारीगरी
वायस एडमिरल (अ.प्रा) हरीश चंद्र बिष्ट, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय की कुलसचिव श्रीमती अनीता रावत, फ्रेंड्स आफ दून के अध्यक्ष भारत शर्मा, तथा उत्तराखंड के अनेक कला प्रेमी समापन एकत्रीकरण में आये।
देहरादून। ललित कला अकादेमी और राष्ट्रीय जनजातीय विद्यालय आईटीआईटीआई के तत्वावधान में संपन्न जनजातीय कला शिविर में देश भर से आये कलाकारों ने पर्यावरण, पृथ्वी, पशु समाज, और अन्न से जुड़े मुद्दे उठाये और उनके माध्यम से बताया कि मनुष्य की आवयकता के लिए तो पृथ्वी पर पर्याप्त सामग्री है, अन्न भी है और आश्रय भी पर लोभ और वासना की अग्नि शांत करने के लिए अपर्याप्त वातावरण को मनुष्य ही ध्वस्त कर रहा है।
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यह उत्तराखंड में पहला आयोजन था और इस शिविर में देहरादून के अनेक कला प्रेमी और कलाकार आये। वायस एडमिरल (अ.प्रा) हरीश चंद्र बिष्ट, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय की कुलसचिव श्रीमती अनीता रावत, फ्रेंड्स आफ दून के अध्यक्ष भारत शर्मा, तथा उत्तराखंड के अनेक कला प्रेमी समापन एकत्रीकरण में आये।
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जनजातीय कलाकारों ने पृथ्वी, मनुष्य की आवश्यकता और लालसाएं, पशुओं के प्रति प्रेम, वातावरण के प्रति संवेदना हीनता जैसे मुद्दे तूलिका से कैनवास पर उकेरे। इस आयोजन में उत्तराखंड, मणिपुर, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि प्रांतों से जनजातीय कलाकारों ने भाग लिया। उनको तरुण विजय, एडमिरल बिष्ट, अनीता रावत तथा भारत शर्मा ने सम्मान पत्र भेंट किये।
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