लोकतंत्र में सुशासन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू पारदर्शिता: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
नए दरबार हॉल में 750 लोग बैठ सकते हैं। इसमें पुराने दरबार हॉल की अधिकतर विरासत सुविधाओं को बरकरार रखा गया है, जिसमें बैठने की क्षमता 225 थी। पिछला हॉल 1911 में बनाया गया था और इसे वास्तुकार जॉर्ज विटेट द्वारा डिजाइन किया गया था।
कोविंद ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र आध्यात्मिकता की भूमि होने के साथ-साथ अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने वाले वीरों की भूमि भी है। यह देशभक्तों की भूमि भी है और भगवान के भक्तों की भूमि भी है। महाराष्ट्र भारत का प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य प्रतिभा और प्राकृतिक सौंदर्य से संपन्न है। महाराष्ट्र के लोग अपने आतिथ्य-सत्कार के लिए जाने जाते हैं। ऐसी अनेक विशेषताओं के कारण न केवल मैं, बल्कि देश-विदेश के अनगिनत लोग भी बार-बार महाराष्ट्र आने के लिए आकर्षित होते रहे हैं। लेकिन इस यात्रा में उन्हें एक खालीपन का अनुभव हो रहा है। एक सप्ताह पहले हमने अपनी प्यारी लता दीदी को खो दिया है। उन जैसी महान प्रतिभा का जन्म सदी में एकाध बार ही होता है। लता जी का संगीत अमर है जो सभी संगीत प्रेमियों को सदैव मंत्रमुग्ध करता रहेगा। उनकी सादगी और सौम्य स्वभाव लोगों के मन-मस्तिष्क पर हमेशा अंकित रहेगा।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि वह मोरारजी देसाई के तब निजी सचिव थे जब उन्होंने बंबई राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था और मुंबई में राजभवन में शपथ ली थी। उन्होंने 2019की अपनी उस यात्रा को याद किया जब उन्होंने राजभवन में भूमिगत बंकर संग्रहालय का उद्घाटन किया था जो परिसर के बारे में दिलचस्प जानकारी देता है। उन्होंने दरबार हॉल के पुनर्निर्माण कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य विरासत संरचना को संरक्षित रखते हुए किया गया है।President Ram Nath Kovind inaugurated the new Durbar Hall at Raj Bhavan, Mumbai.
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 11, 2022
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नए दरबार हॉल में 750 लोग बैठ सकते हैं। इसमें पुराने दरबार हॉल की अधिकतर विरासत सुविधाओं को बरकरार रखा गया है, जिसमें बैठने की क्षमता 225 थी। पिछला हॉल 1911 में बनाया गया था और इसे वास्तुकार जॉर्ज विटेट द्वारा डिजाइन किया गया था। स्वतंत्रता के बाद, हॉल मुख्य रूप से संवैधानिक पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह से जुड़ा रहा है। यह विभिन्न सरकारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्थान भी है। इस अवसर परमुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि दरबार हॉल पिछली शताब्दी में हुए विकास का साक्षी है। ठाकरे ने चुटकी लेते हुए कहा कि राजनीतिक हवा के बावजूद यहां की हवा ठंडी है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि 30 अप्रैल, 1960 को राजभवन में संयुक्त महाराष्ट्र के नक्शे का पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा अनावरण किया गया था। ठाकरे ने कहा कि मुंबई में स्थित राजभवन देश में सबसे अच्छा है क्योंकि इसके एक तरफ समुद्र है और दूसरी तरफ हरियाली है। वहीं, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि उनका प्रयास राजभवन को लोक भवन बनाने का रहा है और देशभर के राजभवनों के सभी दरबार हॉल का नाम संतों के नाम पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, यहां दरबार हॉल का नाम समर्थ हॉल रखा जा सकता है।
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