परंपरा के तहत संसद परिसर में पर्चे वितरित नहीं करे, तख्तियां नहीं लाएं : लोस सचिवालय
लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में कहा है कि स्थापित परंपरा के तहत संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बिना पर्चा, पत्रक, प्रश्नावली, प्रेस नोट, साहित्य या मुद्रित सामग्रियों का वितरण नहीं किया जाना चाहिए तथा तख्तियां भी नहीं लायी जानी चाहिए।
नयी दिल्ली। लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में कहा है कि स्थापित परंपरा के तहत संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बिना पर्चा, पत्रक, प्रश्नावली, प्रेस नोट, साहित्य या मुद्रित सामग्रियों का वितरण नहीं किया जाना चाहिए तथा तख्तियां भी नहीं लायी जानी चाहिए। लोकसभा सचिवालय की संसद सुरक्षा सेवा के 19 जुलाई के बुलेटिन में यह बात कही गई है और सांसदों से सहयोग की अपील की गई है। ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने महंगाई और कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने के विरोध में मंगलवार और बुधवार, दोनों दिन संसद भवन परिसर में धरना दिया।
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इस दौरान कुछ सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखीं थीं और कुछ छाछ के पैकेट भी लेकर पहुंचे थे।इन लोगों ने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर गैस सिलेंडर की तस्वीर थी और कुछ नारे भी लिखे थे। इस बीच, बुलेटिन में कहा गया है कि स्थापित परंपरा के तहत संसद भवन परिसर में स्पीकर की मंजूरी के बिना पर्चे, पत्रक, प्रश्नावली, साहित्य, प्रेस नोट या मुद्रित सामग्रियों का वितरण नहीं किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि संसद भवन परिसर के भीतर तख्तियां लाना भी निषिद्ध है और सदस्यों से सहयोग अपेक्षित है।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को निचले सदन में सदस्यों से कहा था कि सदन में तख्तियां लेकर आना नियमानुसार उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सदस्य अपने हाथ में नियम की किताब को सिर्फ रखें ही नहीं बल्कि उस किताब को पढ़ें भी। इससे कुछ दिन पहले ही राज्यसभा के एक बुलेटिन में यह याद दिलाया गया था कि सदस्य संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं कर सकते।
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