दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर और GPS से शुरू होगी टोल वसूली

Delhi-Meerut toll plaza
राजीव शर्मा । Jul 15 2021 4:56PM

एएनपीआर और जीपीएस की मदद से देश में पहली बार टोल वसूली दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से शुरू होगी। इसी व्यवस्था की तैयारी के अंतर्गत जल्द ही संबंधित मंत्रालय के सचिव एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करेंगे।

मेरठ। नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा निर्मित दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर एएमपीआफ (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर) सिस्टम लगाया जा चुका है। जबकि जीपीएस का सिस्टम अभी लगाया जाना बाकी है। बीते मार्च महीने में केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में घोषणा की थी कि एक साल में जीपीएस से टोल वसूली शुरू हो जाएगी, जिसके बाद सभी टोल प्लाजा खत्म कर दिए जाएंगे। हालांकि अब एक साल का इंतजार नहीं करना होगा बल्कि इसी साल मैं इसकी शुरुआत दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से कर दी जाएगी। 

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एएनपीआर और जीपीएस की मदद से देश में पहली बार टोल वसूली दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से शुरू होगी। इसी व्यवस्था की तैयारी के अंतर्गत जल्द ही संबंधित मंत्रालय के सचिव एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करेंगे। एएनपीआर व जीपीएस आधारित टोल वसूली की वजह से देरी हो रही है, जबकि एक्सप्रेस-वे अप्रैल में ही शुरू कर दिया गया था। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने बताया कि एएनपीआर आधार पर टोल वसूली की जाएगी।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के प्लाजा पर बैरियर तो लगाए गए हैं, लेकिन इसका उपयोग नहीं होगा। यानी प्रवेश व निकास के लिए बैरियर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ऐसे में जिन वाहनों पर फास्टैग नहीं होगा, वे भी उसमें प्रवेश व निकास कर सकेंगे। लेकिन ऐसा नहीं है कि वे दंड से बचे रहेंगे। नंबर प्लेट रीडर व जीपीएस प्रणाली से उसकी टोल दर तय हो जाएगी, लेकिन फास्टैग न होने पर उसे चालान में परिवर्तित कर दिया जाएगा। नंबर प्लेट के आधार पर चालान घर पर पहुंचेगा। इसमें फास्टैग न लगाने वाले दंड का जुर्माना व टोल शामिल होगा।

एक्सप्रेस-वे पर नंबर प्लेट रीडर के कैमरे वाहन के नंबरों को आगे और पीछे से स्कैन कर लेंगे। उस नंबर का पूरा विवरण आ जाएगा। प्रवेश द्वार पर नंबर प्लेट रीडर उसका विवरण एकत्र कर लेगा। इसके बाद निकास द्वार पर पहुंचते ही फिर से नंबर प्लेट रीडर आगे व पीछे दोनों तरफ से नंबर प्लेट को पढ़ लेगा। फिर संबंधित वाहन का दोनों बार का स्कैन एक साथ मिलान आटोमेटिक तरीके से होगा। फिर जीपीएस की मदद से नंबर प्लेट रीडर यह पता करेगा कि प्रवेश किस स्थान से हुआ था और निकासी किस स्थान से हो रही है। उसी आधार पर दूरी तय करके टोल तय हो जाएगा। यह प्रक्रिया चंद सेकेंड में पूरी होगी। निकासी वाला टोल बूथ पार करते ही फास्टैग से टोल कट जाएगा। 

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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया व तिपहिया वाहन के प्रवेश पर प्रतिबंध है, लेकिन ये वाहन अभी धड़ल्ले से चल रहे हैं। लेकिन एएनपीआर से टोल वसूली शुरू होने पर प्रतिबंधित वाहनों से टोल नहीं वसूला जाएगा, बल्कि ट्रैफिक नियम के उल्लंघन पर चालान सीधे घर भेजा जाएगा।

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