TMC के मुखपत्र ने शिंजो आबे की हत्या को अग्निपथ योजना से जोड़ दिया, कहा- हत्यारे ने बिना पेंशन सेना में किया था काम
टीएमसी ने जापानी समुद्री आत्मरक्षा बलों की तुलना अग्निपथ योजना से करते हुए आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार युवाओं को अल्पावधि के लिए रक्षा बलों में नियुक्त करना चाहती है और उन्हें चार साल बाद पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के बिना हटा देना चाहती है।
तृणमूल कांग्रेस ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के बहाने अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। पार्टी के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' में प्रकाशित एक फ्रंट-पेज की स्टोरी में टीएमसी ने कहा कि आबे की हत्या एक पूर्व जापानी रक्षा कर्मियों ने की, जिन्हें पेंशन नहीं मिल रही थी। आबे को पश्चिमी जापान में चुनाव प्रचार के दौरान गर्दन और सीने में गोली लगी थी। कार्डियो-पल्मोनरी अरेस्ट में जाने और कोई महत्वपूर्ण लक्षण नहीं दिखाने के बाद साढ़े पांच घंटे बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
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हत्यारे की पहचान 41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी के रूप में हुई है। हत्या के प्रयास के आरोप में गोली मारने के बाद उसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने घटनास्थल से एक बंदूक जब्त की है जिसे संदिग्ध रूप से पकड़े हुए था। शूटर ने आबे पर हमला करने के लिए एक हैंडमेड बंदूक का इस्तेमाल किया। फ़ूजी टीवी के मुताबिक, शिंजो आबे का शूटर जापान के मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) का पूर्व कर्मी है। वह 2005 तक सेवा में था। जेएमएसडीएफ को जापानी नौसेना के रूप में भी जाना जाता है।
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टीएमसी ने जापानी समुद्री आत्मरक्षा बलों की तुलना अग्निपथ योजना से करते हुए आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार युवाओं को अल्पावधि के लिए रक्षा बलों में नियुक्त करना चाहती है और उन्हें चार साल बाद पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के बिना हटा देना चाहती है। कनेक्शन इस तथ्य पर आधारित है कि शूटर रक्षा बलों में था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यामागामी ने तीन साल की सेवा के बाद अपनी नौकरी खो दी। वह बेरोजगार था और उसे कोई पेंशन नहीं मिल रही थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हत्यारे ने अबे को इसलिए निशाना बनाया क्योंकि वह बेरोजगार था।
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इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने पूर्व पीएम पर हमला करने के लिए शूटर के मकसद और अग्निपथ योजना के बीच एक समान तुलना की थी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा था, "शिंजो आबे को गोली मारने वाली यामागामी ने जापान के एसडीएफ यानी सेना में बिना पेंशन के काम किया था।"
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