मुझे जो उपदेश दे रहे हैं उन्होंने खुद भी प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवायी हैं: दिलीप घोष
घोष के इस बयान की उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और उनकी खुद की पार्टी के नेताओं ने आलोचना की। घोष ने राज्य में गत दिसम्बर में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर ‘‘गोली नहीं चलाने और लाठीचार्ज का आदेश नहीं देने’’ के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की थी।
कोलकाता। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर अपनी टिप्पणी के कारण अपनी पार्टी के नेताओं के साथ ही विभिन्न लोगों के निशाने पर आये पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को अपने आलोचकों को आड़े हाथ लिया और कहा कि जो उनकी आलोचना कर रहे हैं उन्होंने स्वयं ही विभिन्न मौकों पर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवायी हैं। उल्लेखनीय है कि घोष ने कहा था कि सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को ‘‘कुत्तों की तरह गोली मारी गई।’’ घोष ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा है वह उस पर कायम हैं। घोष ने अपने आलोचकों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जो उनकी आलोचना कर रहे हैं उन्होंने स्वयं विभिन्न मौकों पर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवायी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी टिप्पणी पर कायम हूं। मुझे आलोचना की परवाह नहीं है। मैंने जो कुछ भी कहा है वह देश के पक्ष में है। तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस मेरी आलोचना कर रही हैं। उन्होंने भी विभिन्न मौकों पर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवायी हैं।’’
Glimpses of “Ban Bhojan” karyakram at Hijli forest area.#ConstituencyTour pic.twitter.com/mz7AzAKUJP
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) January 14, 2020
गौरतलब है कि घोष ने नदिया जिले में रविवार को एक जनसभा में यह कह कर विवाद छेड़ दिया था कि ‘‘सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को भाजपा शासित राज्यों में कुत्तों की तरह गोली मारी गई।’’ घोष के इस बयान की उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और उनकी खुद की पार्टी के नेताओं ने आलोचना की। घोष ने राज्य में गत दिसम्बर में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर ‘‘गोली नहीं चलाने और लाठीचार्ज का आदेश नहीं देने’’ के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक में हमारी सरकारों ने इन लोगों को कुत्ते की तरह गोली मारी थी।’’ बनर्जी ने गत सोमवार को टिप्पणी की निंदा की थी और कहा था कि राज्य पुलिस आंदोलनकारियों पर गोलियां नहीं चलाएगी।
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केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने घोष की टिप्पणी को ‘‘गैरजिम्मेदार’’ बताया था। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘एक पार्टी के तौर पर भाजपा का उससे कोई लेनादेना नहीं जो हो सकता है दिलीप घोष ने कहा हो, यह उनकी कल्पना का हिस्सा है और चाहे जो भी कारण हो उत्तर प्रदेश, असम में भाजपा सरकारों ने कभी भी लोगों पर गोली नहीं चलवायी...।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर दूसरे कार्यकाल में भी काम करने को तैयार हैं, घोष ने कहा कि उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है और पार्टी जो भी कहेगी वह करने के लिए तैयार हैं। घोष को दिसम्बर 2015 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
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