घाटी के मस्जिदों से जुमे की नमाज के बाद की गई ये खास अपील, आतंक के 32 साल के इतिहास में हुआ ये पहली बार
आतंकियों के डर को दरकिनार कर घाटी के लोगों ने एक सुर में अल्पसंख्यक हिन्दुओं और आम लोगों के हत्याओं की कड़ी निंदा की है। साथ ही हर गली-नुक्कड़ और प्रमुख मस्जिदों से नमाज के बाद संदेश दिया गया कि इस्लाम में बेकसूर लोगों की हत्या नामंजूर है।
घाटी में टारगेट किलिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने एक हाई लेवल मीटिंग की। इस बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने फैसला किया है कि घाटी से कश्मीरी प्रवासियों का जम्मू ट्रांसफर नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें सुरक्षा दी जाएगी। आतंकियों के डर को दरकिनार कर घाटी के लोगों ने एक सुर में अल्पसंख्यक हिन्दुओं और आम लोगों के हत्याओं की कड़ी निंदा की है। साथ ही हर गली-नुक्कड़ और प्रमुख मस्जिदों से नमाज के बाद संदेश दिया गया कि इस्लाम में बेकसूर लोगों की हत्या नामंजूर है।
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कश्मीर के 32 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिला जब लोग इतनी तादाद में आतंकवाद के खिलाफ खड़े हुए हैं। घाटी की हर मस्जिद से जुमे के नमाज के बाद प्रमुख मौलाना और मुफ्तियों ने शांति का संदेश दिया और हमलों के डर से घाटी छोड़कर जा रहे कश्मीरी पंडितों समेत अन्य हिंदू अल्पसंख्यकों से अपील की कि वे कश्मीर को न छोड़ें। हर कश्मीरी उनके साथ है।
प्रवासियों को बनाया जा रहा निशाना
कश्मीर में प्रवासियों को निशाना बनाकर हमले करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार देर रात शोपियां में आतंकियों ने एक स्कूल के पास काम कर रहे प्रवासी मजदूरों पर ग्रेनेड अटैक किया। इसमें तीन मजदूर घायल हो गए। आतंकियों की तलाश के लिए सुरक्षाबलों ने अभियान चलाया। पुलिस ने बताया, 'मजदूरों की मामूली चोट आई है, इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।
विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
कश्मीर से पलायन होने की रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वह घाटी में हालात सामान्य करने के लिए क्या कदम उठा रही है। वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) कश्मीरी पंडितों के समर्थन में 5 जून को जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेगी। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि कश्मीरी पंडितो की हत्या की जा रही है। केंद्र सरकार सुरक्षा देने में नाकाम रही है।
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