ऐसा कहा जाता था कि चुनाव सिर्फ मौसमी चीज होती है। लेकिन भाजपा ने इस धारणा को ही बदल दिया। स्थानीय चुनाव हो या आम चुनाव सभी पूरी शिद्दत के साथ लड़ना और सामने वाले को सियासी दांव-पेंच में पटखनी देना ही कुशल राजनीतिज्ञ और राजनीतिक पार्टी की पहचान है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी चलती है। वैसे तो राजनेताओं का पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल होना अब आम बात हो गई है। तृणमूल से लेकर कांग्रेस तक और आंबेडकरवादी से लेकर समाजवादी तक सभी को भगवा दल ही भा रहा है। कुछ ही दिन पहले समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने भगवा पट्टा पहनकर भाजपा का दामन थाम लिया। सूबे की सत्ता गंवाने के बाद लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ महागठबंधन बनाकर भाजपा को मात देने की अखिलेश यादव की कोशिश भी पूरी तरह विफल साबित हुई। उसके बाद से ही उनके सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। पहले सपा के पास नीरज शेखर के रूप में मौजूद एक विरासत को अखिलेश संभाल नहीं पाए और फिर कई समाजवादी नेताओं के भाजपा में शामिल होने की बात लगातार कही जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कई और दिग्गज नेताओं के अलावा यादव परिवार से भी जाने-पहचाने चेहरे की भाजपा में एंट्री हो सकती है।
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उत्तर प्रदेश की राजनीति के सियासी पहलवान माने जाने वाले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव भाजपा की सियासी पिच पर आने वाले दिनों में बैटिंग करती दिख सकती हैं। खबरों के अनुसार अपर्णा यादव ने लखनऊ की कैंट सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा ज़ाहिर की है। उनकी एंट्री को लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व में विचार चल रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यूपी विधानसभा उपचुनाव से पहले अपर्णा अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो जाएंगी। बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अपर्णा ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था जहां उन्हें कांग्रेस से भाजपा में आईं रीता बहुगुणा जोशी से पराजय मिली थी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में रीता बहुगुणा इलाहाबाद से सांसद हो गयी हैं इसलिए लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट के लिए चुनाव होना है। पिछले विधानसभा चुनाव में अपर्णा यादव ने लखनऊ कैंट सीट से पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा था और सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने भी उनके लिए वोट मांगे थे। लेकिन अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव 2017 में राज्य की सत्ता गंवायी और अपर्णा को अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। अपर्णा यादव के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के खेमों के बहुत सारे पिछड़ी जातियों के नेता भी भाजपा में जाने की फिराक में हैं।
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मोदी की रही हैं फैन
अपर्णा यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसकों में शुमार हैं। साल 2016 मे लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के साथ सेल्फी भी थी। जिसके बाद पीएम मोदी के कामों से खुश होकर अपर्णा ने उनकी तुलना महात्मा गांधी से कर दी थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनके रिश्ते बेहद ही अच्छे हैं। योगी के सीएम बनने के कुछ ही दिन के भीतर अपर्णा यादव की योगी आदित्यनाथ से दो मुलाकातों ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। पहले वो योगी आदित्यनाथ से लखनऊ के वीवीआईपी गेस्टहाउस में मिलने पहुंची थीं। इसके बाद योगी आदित्यनाथ से सरोजनीनगर स्थित गोशाला में भेंट करने गई थीं। इन मुलाकातों को लेकर सियासी चर्चाएं भी खूब हुई थीं। उस वक्त भी भाजपा में शामिल होने की बातें लगातार उठती थी तो अपर्णा कहती थीं कि हमारे बड़े बुज़ुर्ग लगातार कहते रहे हैं कि वर्तमान में हम जो भी करें अच्छे से करें, और भविष्य की बातों को भविष्य के गर्भ में छोड़ दें। भविष्य में जो भी होना है, जो भी हो जैसा भी हो, वो तो भविष्य में ही होगा।
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बहरहाल, पीएम मोदी सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास जैसी बातें हमेशा से करते हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा इसको पटरी पर उतारते हुए अपने विशाल समुद्र में विरोधी दलों की विचारधारा भी समायोजित करती जा रही है। ऐसे में शिवपाल यादव के खेमे की माने जाने वाली अपर्णा भाजपा में शामिल होती हैं तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी की फजीहत करवाने के बाद परिवार में भी बिखराव और बगावत अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका होगा।