वे थूकेंगे और...महाकुंभ में नहीं मुस्लिमों की एंट्री..संतों का बड़ा ऐलान
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि हमारा मेला सुंदर, स्वच्छ, भव्य, दिव्य और शांतिपूर्ण होना चाहिए। कार्यक्रम की सुरक्षा और पवित्रता बनाए रखने के लिए गैर-हिंदुओं को दूर रखना आवश्यक है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष के अपने अंतिम मन की बात एपिसोड में देश में एकता और भाईचारे का आह्वान करने के दो दिन बाद आया है, और उन्होंने लोगों से समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का आग्रह किया। आगामी कुम्भ मेला अनेकता में एकता का अनूठा दृश्य प्रस्तुत करता है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ-2025 में गैर-हिंदुओं को दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पुरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मने कहा है कि चाय की दुकानों, जूस की दुकानों और फूलों की दुकानों को उनके लिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अगर उन्हें ये दुकानें दी गईं तो वे थूकेंगे और पेशाब करेंगे और हमारे नागा संत कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।
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उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना होती है और किसी को चोट पहुंचती है तो इससे दुनिया भर में गलत संदेश जाएगा। महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि हमारा मेला सुंदर, स्वच्छ, भव्य, दिव्य और शांतिपूर्ण होना चाहिए। कार्यक्रम की सुरक्षा और पवित्रता बनाए रखने के लिए गैर-हिंदुओं को दूर रखना आवश्यक है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष के अपने अंतिम मन की बात एपिसोड में देश में एकता और भाईचारे का आह्वान करने के दो दिन बाद आया है, और उन्होंने लोगों से समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का आग्रह किया। आगामी कुम्भ मेला अनेकता में एकता का अनूठा दृश्य प्रस्तुत करता है।
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उन्होंने आध्यात्मिक उत्सव को भारत की विविधता की अभिव्यक्ति के रूप में सराहा, जहां किसी के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं है और सभी के साथ समान व्यवहार किया जाता है। महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में नहीं है। कुंभ की खासियत इसकी विविधता में भी है. इस आयोजन में करोड़ों लोग जुटते हैं. लाखों साधु-संत, हजारों परंपराएं, सैकड़ों पंथ, कई अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है।
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